'Deoria shelter home'

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  • Uttar Pradesh | ख़बर न्यूज़ डेस्क |गुरुवार अगस्त 16, 2018 08:43 AM IST
    उत्तर प्रदेश सरकार ने देवरिया जिले में बालिका संरक्षण गृह में रहने वाली लड़कियों से कथित तौर पर जबरन वेश्यावृत्ति कराये जाने के मामले में वहां के पुलिस अधीक्षक को हटा दिया है. इसके साथ-साथ कुछ और अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई की गई है. गृह विभाग के सूत्रों के मुताबिक सरकार ने देवरिया के पुलिस अधीक्षक रोहन पी. कनय को हटाकर पुलिस महानिदेशक कार्यालय से सम्बद्ध कर दिया. उनके खिलाफ विभागीय जांच के आदेश भी दिए गए हैं. उनके स्थान पर महोबा के पुलिस अधीक्षक एन. कोलांची को देवरिया का नया पुलिस कप्तान बनाया गया है.
  • Uttar Pradesh | ख़बर न्यूज़ डेस्क |गुरुवार अगस्त 9, 2018 02:00 AM IST
    पुलिस की छानबीन में पता चला कि शेल्टर होम में कभी किसी लड़के को नहीं रखा गया हालांकि 2017 में एक शिशु गृह चल रहा था. पुलिस को मौके से रजिस्टर मिला है जिसमें सात बच्चों, जिनमें से अधिकांश की उम्र दस साल से कम है, के नाम हालांकि पंजीकृत हैं. जांच में पता चला कि शेल्टर होम का लाइसेंस जुलाई 2017 में रद्द कर दिया गया था लेकिन स्थानीय पुलिस ने बचायी गई लड़कियों को शेल्टर होम भेजना जारी रखा.
  • Uttar Pradesh | Reported by: कमाल खान, Edited by: सूर्यकांत पाठक |गुरुवार अगस्त 9, 2018 07:45 AM IST
    इलाहाबाद हाइकोर्ट ने देवरिया शेल्टर होम कांड पर यूपी सरकार को आज सख़्त फटकार लगाते हुए इसकी सीबीआई जांच की मॉनिटरिंग अपने हाथ में ले ली. कोर्ट ने सरकार से करीब एक दर्जन सख़्त सवाल पूछे हैं.
  • Uttar Pradesh | ख़बर न्यूज़ डेस्क |बुधवार अगस्त 8, 2018 03:29 AM IST
    योगी ने देर शाम संवाददाता सम्मेलन में कहा कि देवरिया की घटना दुर्भाग्यपूर्ण है. इसकी गंभीरता को देखते हुए दोपहर में बैठक की थी.
  • Blogs | राकेश कुमार मालवीय |सोमवार अगस्त 6, 2018 12:43 PM IST
    बच्चे हैं. यूं भी हाशिये पर हैं. लेकिन जो शेल्टर होम के बच्चे हैं, वे तो भयावह पीड़ा को पहले ही भोग चुके होते हैं. एक जो बच्‍चा शेल्‍टर होम में दाखि‍ल होता है, उसकी सैकड़ों दारुण कहानियां बन चुकी होती हैं.
  • Uttar Pradesh | ख़बर न्यूज़ डेस्क |सोमवार अगस्त 6, 2018 12:14 PM IST
    महिला थाने पहुंची लड़की ने जो आपबीती सुनाई है वह बिलकुल मुजफ्फरपुर कांड से मिलती जुलती है. लड़की ने कहा कि संस्था में एक दीदी हैं. उन्हें बड़ी मैम रात को कहीं भेजती थीं. कभी लाल गाड़ी तो कभी काली गाड़ी आती थी उनको ले जाने और जब दीदी सुबह में आती तो सिर्फ रोती थीं. कुछ भी पूछने पर बताती नहीं थी. हम लोगों से झाड़ू पोछा करवाया जाता था.
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