Blogs | Suryakant Pathak |शुक्रवार दिसम्बर 25, 2015 11:28 PM IST मृणाल पाण्डे ने 'ध्वनियों के आलोक में स्त्री' के जरिये संगीत साधक महिलाओं के बहाने समाज के दोमुंहेपन को उजागर किया है। यह तार सप्तक पर जमे गायकों के समानांतर मंद्र सप्तक पर धकेल दी गईं गायिकाओं के संघर्ष का ऐसा दस्तावेज है जो कलाकारों, कला रसिकों के साथ-साथ आम पाठक के लिए भी बहुत उपयोगी है।