'Dise report'

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  • Blogs | राकेश कुमार मालवीय |बुधवार सितम्बर 5, 2018 09:10 PM IST
    आज शिक्षक दिवस है. देश के तकरीबन 14 लाख स्कूलों के बच्चे अपने प्रिय शिक्षक को तरह-तरह से शुभकामना दे रहे होंगे. किसी ने अपने प्रिय शिक्षक के चेहरे पर मुस्कान बिखेरने के लिए घर के बगीचे से फूल तोड़कर दिया होगा, कुछ ने ग्रीटिंग कार्ड बनाकर दिया होगा. किसी भी आधारभूत सुविधा से ज़्यादा बड़ी ज़रूरत शिक्षक का होना है. हम सभी के ज़हन में अपने-अपने प्रिय या अप्रिय भी शिक्षक की छवि कैद ज़रूर होती है, लेकिन देखिए कि देश की एक बड़ी विडम्बना है कि देश के लाखों बच्चों के पास अपने प्रिय शिक्षक चुनने का विकल्प ही नहीं है, क्योंकि वहां उन्हें पढ़ाने के लिए केवल एक ही शिक्षक मौजूद है. एक ही शिक्षक के भरोसे पूरा स्कूल है, सारी कक्षाएं हैं, ऐसे में आप खुद ही सोच लीजिए कि हमारे देश के ऐसे स्कूल का क्या होने वाला है...? बिना शिक्षक के स्कूल कैसे चलने वाले हैं, भविष्य का भारत कैसे और कैसा बनने वाला है...?
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