'Emergency anniversary'

- 10 न्यूज़ रिजल्ट्स
  • Blogs | प्रियदर्शन |रविवार जून 27, 2021 06:26 PM IST
    46 साल पहले आज के ही दिन, यानी 25 जून, 1975 को लगाई गई इमरजेंसी वाकई बहुत बुरी थी. आम लोगों के नागरिक अधिकार छीन लिए गए थे और खास लोगों को जेल में डाल दिया गया था. इंदिरा गांधी का विरोध करने वाला पूरा का पूरा विपक्ष जैसे सलाखों के पीछे था. हज़ारों राजनीतिक-सामाजिक कार्यकर्ताओं के 19 महीने क़ैद में कट गए.
  • India | Edited by: प्रमोद कुमार प्रवीण |शुक्रवार जून 25, 2021 10:42 AM IST
    1975 से 1977 के बीच यानी इमरजेंसी के दौरान स्वतंत्रता सेनानी और शहीद देशभक्त चंद्रशेखर आजाद और भगत सिंह पर बनी फिल्मों के प्रदर्शन पर रोक लगा दी गई थी. इनके अलावा किशोर कुमार के गाने, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और गुरुदेव रवींद्र नाथ टैगोर के विचारों के प्रसार पर रोक लगा दी गई थी.
  • India | Reported by: भाषा |गुरुवार जून 25, 2020 09:15 PM IST
    उन्होंने कहा, ‘‘ वर्तमान में कोरोना महामारी ने वैध और स्वैच्छिक प्रतिबंधों के माध्यम से बंदी लगाई है, इसने बुनियादी स्वतंत्रता के महत्व को दोहराया है. निस्संदेह हम जल्द ही फिर से सामान्य जीवन जीयेंगे. आज जब हम वर्तमान बंदी से निपट रहे हैं, मैंने 1975 के आपातकाल के अनुभव को याद किया.’’उप राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘संविधान द्वारा सुनिश्चित की गई स्वतंत्रता, जीवन की गरिमा की आधारशिला है. आइए हम जीवन की गरिमा की रक्षा करें.’’
  • India | Reported by: भाषा |गुरुवार जून 25, 2020 09:12 PM IST
    उन्होंने कहा, ‘नई पीढ़ियों को इससे सही सीख लेनी चाहिए.’ प्रसाद ने याद किया कि जब तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने देश में आपातकाल घोषित किया तो कैसे जय प्रकाश नारायण, अटल बिहारी वाजपेयी, लाल कृष्ण आडवाणी, चंद्रशेखर सहित कई विपक्षी दलों के नेताओं को गिरफ्तार कर लिया गया था. 
  • India | ख़बर न्यूज़ डेस्क |मंगलवार जून 25, 2019 04:41 PM IST
    आज से ठीक 44 साल पहले दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश भारत के संविधान में दिए गए नागरिकों के मूलभूत अधिकार छीन लिए गए थे. नेताओं के भाषण में हम अक्सर इस घटना का जिक्र करते हैं और कांग्रेस इसको लेकर रक्षात्मक मुद्रा अपनाती रही है. साल  1975 में कांग्रेस की वरिष्ठ नेता और तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 25 जून को आपातकाल की घोषणा की थी. उनके इस फैसले के बाद सरकार का विरोध करने वाले हर नेता, युवा को सलाखों के पीछे डाल दिया गया. प्रेस की आजादी पर सरकारी पहरा लागू हो गया और विपक्ष के सभी बड़े नेताओं को जेल भेज दिया गया. आज हम राजनीति में जिन ज्यादातर बड़े चेहरों को देखते हैं वह आपातकाल के समय ही में आए थे. करीब 19 महीने तक देश में आपातकाल लागू रहा था और लेकिन इसके ठीक बाद हुए चुनाव में कांग्रेस की बुरी तरह से हार हुई थी और देश में पहली बार गैर कांग्रेस सरकार बनी थी. आपातकाल को देश के लोकतंत्र में काले धब्बे की तरह की देखा जाता है. आपातकाल से पहले इसकी पृष्ठभूमि और घटनाक्रम बड़ा लंबा रहा है. लेकिन इसकी घोषणा के करीब 13 दिन पहले क्या-क्या हुआ था इसको जानना भी जरूरी है.
  • India | ख़बर न्यूज़ डेस्क |मंगलवार जून 25, 2019 11:39 AM IST
    तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 1975 में आज ही के दिन आपातकाल लगाया था जो 21 मार्च 1977 तक प्रभावी रहा था. ममता बनर्जी ने ट्वीट किया, ‘आज 1975 में घोषित आपातकाल की वर्षगांठ है. पिछले पांच साल से देश ‘सुपर इमरजेंसी’ से गुजर रहा है. हमें अपने इतिहास से सबक सीखना चाहिए और देश में लोकतांत्रिक ढांचों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए संघर्ष करना चाहिए.’
  • Blogs | अखिलेश शर्मा |सोमवार जून 25, 2018 07:46 PM IST
    तैंतालीस साल पहले रात का स्याह अंधेरा लोकतंत्र के मुंह पर कालिख पोत गया था. अपने भविष्य को लेकर आशंकित इंदिरा गांधी ने 1947 की आजादी के बाद पहली बार नागरिकों की आजादी छीनने का काम किया. सभी देशवासियों के मौलिक अधिकार सस्पेंड कर दिए गए. विपक्ष के नेताओं को गिरफ्तार कर लिया गया. प्रेस पर अकुंश लगा दिया गया. दिल्ली की फ्लीट स्ट्रीट कहे जाने वाले बहादुरशाह जफर मार्ग पर अखबारों के दफ्तरों की बिजली काट दी गई, ताकि अगले दिन अखबार न निकल सके. अगले दिन हर अखबार के दफ्तर में एक सेंसर अफसर बैठा दिया गया जिसका काम हर खबर की पड़ताल करना था कि उसमें इंदिरा गांधी या सरकार के खिलाफ कुछ न लिखा हो. इंदिरा गांधी ने यह कदम खुद को मजबूत करने के लिए उठाया.
  • Blogs | प्रियदर्शन |सोमवार जून 25, 2018 05:28 PM IST
    यह सच है कि इमरजेंसी भारतीय लोकतंत्र का काला अध्याय है. इस दौर में नागरिक अधिकार छीन लिए गए. नेताओं, लेखकों, पत्रकारों को जेल में डाला गया. उन्हें यंत्रणाएं दी गईं. लोगों की जबरन नसबंदी कराई गई. 20 सूत्री कार्यक्रम थोपा गया. अनुशासन पर्व के नाम पर तानाशाही का चाबुक चलाया गया. यह भी सच है कि इंदिरा गांधी को इतिहास उनके इस कृत्य के लिए कभी माफ़ नहीं करेगा. भारतीय जनता ने तो उन्होंने 1977 में ही दंडित कर दिया था.
  • Blogs | सोमवार जून 29, 2015 11:48 AM IST
    आपातकाल की बरसी के आस पास जयप्रकाश नारायण अनिवार्य हो जाते हैं। उसके बाद वैकल्पिक हो जाते हैं और फिर धीरे-धीरे गौण। चुनाव आता है तो भ्रष्टाचार के प्रतीक बन जाते हैं और चुनाव चला जाता है कि तो उन्हें छोड़ सब भ्रष्टाचार के मामलों में बचाव करने में जुट जाते हैं।
  • India | शुक्रवार जून 26, 2015 08:52 AM IST
    इंदिरा गांधी के शासनकाल के दौरान साल 1975 में लगाए गए आपातकाल की 40वीं वर्षगांठ के मौके पर आरएसएस समर्थित संगठन द्वारा आयोजित कार्यक्रम में बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी को आमंत्रित नहीं किया गया।
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