India | ख़बर न्यूज़ डेस्क |गुरुवार नवम्बर 29, 2018 01:05 PM IST फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि हम लोग उनसे (राज्यपाल से) बार-बार कह रहे थे कि असेंबली भंग कर दीजिये, ताकि हम जनता के पास जाएं. 5 महीने वो इंतजार करते रहे कि हो सकता है कि बीजेपी सज्जाद लोन के साथ बहुमत हासिल कर ले. लोगों को खरीद ले...चाहे वो कांग्रेस के हों, पीडीपी के या फिर नेशनल कांफ्रेंस के, लेकिन यह नहीं हो सका. जब इन्होंने देखा कि राज्य में एक हुकुमत बनने वाली है जिसमें बीजेपी नहीं होगी, तो दिल्ली से एक आदेश आया और असेंबली भंग कर दी.