'Gandhi shanti pratishthan'

- 5 न्यूज़ रिजल्ट्स
  • India | Reported by: रवीश रंजन शुक्ला, Edited by: सूर्यकांत पाठक |शनिवार अक्टूबर 2, 2021 05:05 PM IST
    गांधी जयंती के मौके पर फूल माला चढ़ाते तमाम नेताओं के कार्यक्रमों के अलावा गांधी शांति प्रतिष्ठान पर भी लोगों को नजर डाल लेनी चाहिए. गांधी जी पर रिसर्च, कॉन्फ्रेंस और गांधीवादी मूल्यों को जिंदा रखने वाली संस्थान गांधी शांति प्रतिष्ठान घोर आर्थिक तंगहाली से गुजर रही है. देश भर के 150 सेंटर पहले ही बंद हो चुके हैं. गांधीवादी संस्थान की हालत खराब क्यों है? दिल्ली में गांधी शांति प्रतिष्ठान है. यहां गांधी जयंती के मौके पर गोष्ठी कराई जा रही है. पहले ही तंगहाली से गुजर रहे इस संस्थान को कोरोना ने बुरे आर्थिक दौर में पहुंचा दिया है. हालात इतने खराब हैं कि अब सालाना एक से डेढ़ करोड़ रुपये भी जुटाना इस संस्थान को भारी पड़ रहा है.
  • India | ख़बर न्यूज़ डेस्क |मंगलवार फ़रवरी 26, 2019 05:56 PM IST
    राष्ट्रपति भवन में मंगलवार को 2015 से 2018 तक के गांधी शांति पुरस्कार (Gandhi shanti Puraskar) प्रदान किए गए. यह पुरस्कार एक समाजसेवी और चार संस्थाओं को प्रदान किए गए. पुरस्कार राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद एवं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रदान किए. विवेकानंद केंद्र (Vivekananda Center) कन्याकुमारी को 2015 का गांधी शांति पुरस्कार मिला. केंद्र पुरस्कार राशि एक करोड़ रुपये पुलवामा हमले में शहीद हुए भारतीय सैनिकों के परिवारों को दान देगा.
  • India | Reported by: रवीश रंजन शुक्ला, Edited by: सूर्यकांत पाठक |बुधवार अक्टूबर 3, 2018 03:07 AM IST
    महात्मा गांधी की जयंती पर स्वच्छता दिवस मनाया गया और कई बड़े आयोजन हुए. लेकिन समर्पण के साथ गांधी दर्शन का प्रसार करने वाले गांधी शांति प्रतिष्ठान की सुध लेने वाला कोई नहीं है. राजधानी दिल्ली में ही स्थित यह संस्थान आर्थिक संकट से गुजर रहा है.
  • Blogs | राकेश दीवान |मंगलवार दिसम्बर 20, 2016 01:48 PM IST
    हमारे समाज को अभी अनुपम की कम से कम 20 साल और ज़रूरत थी, क्योकि जो काम उन्होंने शुरू किया था, अब जाकर समाजों, सरकारों, नीति निर्माताओं और मीडिया ने समझना शुरू किया है... ऐसे समय में अनुपम जैसे लोगों की ज़्यादा ज़रूरत थी, ताकि उनकी पहल मूर्त रूप ले सके...
  • Blogs | सुधीर जैन |मंगलवार दिसम्बर 20, 2016 01:34 PM IST
    उनके लिए कोई उपमा नहीं सोची जा सकती. वह वाकई अनुपम थे. उनसे मेरी पहचान प्रभाष जोशी ने करवाई थी. सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरमेंट के लिए भारतीय जल प्रबंधन पर शोध के सिलसिले में अनुपम जी से पहली मुलाकात हुई, और फिर उनसे राग हो गया.
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