'General budget 2017'

- 17 न्यूज़ रिजल्ट्स
  • Blogs | राकेश कुमार मालवीय |गुरुवार फ़रवरी 2, 2017 04:37 PM IST
    इसलिए यदि देश में 10 लाख तालाब जमीन पर बन गए होते, उनमें पानी रुक गया होता, तो दूसरे गांवों में पहुंचकर उतनी निराशा नहीं होती, जितनी गोरवा गांव में पहुंचकर खुशी होती है.
  • File Facts | Translated by: विवेक रस्तोगी |गुरुवार फ़रवरी 2, 2017 03:20 PM IST
    वित्तमंत्री अरुण जेटली ने आम बजट 2017-18 में व्यक्तिगत आयकर की सबसे छोटी स्लैब को घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया, जिसका लाभ सिर्फ कम आय वालों को ही नहीं, ज़्यादा कमाने वालों तक भी पहुंचेगा, लेकिन वे टैक्स विशेषज्ञ निराश हैं, जिन्हें सेक्शन 80सी के तहत करमुक्त बचत सीमा में बढ़ोतरी की उम्मीद थी... 'टैक्समैन' के निदेशक राकेश भार्गव का कहना है, "इस बजट में (इनकम टैक्स एक्ट की) सेक्शन 80सी की सीमा को डेढ़ लाख से बढ़ाकर दो लाख रुपये किया जा सकता था, क्योंकि मौजूदा सीमा पीएफ, बीमा, ट्यूशन फीस जैसे सभी भुगतानों को कवर करने के लिए पर्याप्त नहीं है... इसके अलावा बच्चों के लिए पढ़ाई भत्ता, मेडिकल री-इम्बर्समेंट तथा होस्टल भत्ता जैसे कुछ भत्ते बहुत साल पहले निर्धारित किए गए थे, सो, इस बजट में उन्हें भी बढ़ाया जा सकता था..."
  • Blogs | राकेश कुमार मालवीय |बुधवार फ़रवरी 1, 2017 05:51 PM IST
    यह कहना सही नहीं लगता कि‍ नागरिक देश के लिए अपना योगदान नहीं देते. आरोप तो यह है कि देश की व्यवस्थाएं ही इस कर से देश की सेवा पूरे ईमान से नहीं कर पातीं. थोड़ा-सा व्यंग्य आपने हम पर कर दिया, चलिए, थोड़ा-सा हम भी आप पर कर देते हैं. बजट में हिसाब बराबर हुआ.
  • Blogs | विराग गुप्ता |बुधवार फ़रवरी 1, 2017 05:04 PM IST
    आर्थिक सर्वेक्षण में राज्य सरकारों द्वारा लोकलुभावन योजनाओं की होड़ की आलोचना करते हुए कहा गया कि भ्रष्टाचार और लालफीताशाही की वजह से गरीब जनता को सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिलता. इस बार के बजट को सरकार ने 10 हिस्सों में बांटा है, जिसमें क्रियान्वयन के अहम सवालों का जवाब फिर नदारद है...
  • Budget 2017 | ख़बर न्यूज़ डेस्क |बुधवार फ़रवरी 1, 2017 06:09 PM IST
    व्यक्तिगत आयकर के मामले में मध्यवर्ग को राहत देते हुए वित्तमंत्री ने ढाई से पांच लाख तक की आय पर लगने वाले 10 फीसदी कर को घटाकर पांच फीसदी कर दिया है, 50 लाख से एक करोड़ रुपये तक की आय वालों पर 10 फीसदी सरचार्ज लगाने की भी घोषणा की है, जबकि एक करोड़ से अधिक आय पर लगने वाले 15 फीसदी सरचार्ज को बरकरार रखा है.
  • File Facts | Written by: विवेक रस्तोगी |बुधवार फ़रवरी 1, 2017 08:34 AM IST
    हर साल की तरह बजट पेश होने वाला है, और सभी की निगाहें उसी पर टिकी हुई हैं... लेकिन कभी-कभी समस्या यह हो जाती है कि बजट भाषण में इस्तेमाल किए गए कुछ शब्दों का अर्थ आम आदमी नहीं समझ पाता, सो, आज हम आपके लिए लेकर आए बजट शब्दावली, जिसमें सभी ऐसे शब्दों के अर्थ आम आदमी की भाषा में समझाए गए हैं...
  • Budget 2017 | विवेक रस्तोगी |शनिवार जनवरी 28, 2017 06:53 PM IST
    यह भी याद रखिए कि इस आलेख में किया गया पूरा हिसाब-किताब मौजूदा वित्तवर्ष (2016-17) में लागू नियमों के अनुसार किया गया है, सो, अगर वितमंत्री अरुण जेटली इस बार के बजट (यानी 2017-18) में कुछ और छूट देते हैं, तो बचाई जा सकने वाली रकम इससे कहीं ज़्यादा हो सकती है...
  • India | Reported by: राजीव मिश्र |बुधवार जनवरी 25, 2017 11:53 AM IST
    सातवां वेतन आयोग पिछले साल 1 जनवरी से लागू हो गया है. नरेंद्र मोदी सरकार ने इस संबंध में एक फैसला लेकर अपने अधीन काम करने वाले 47 लाख केंद्रीय कर्मचारियों को वेतन वृद्धि का तोहफा दिया. सरकार ने सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करते हुए करीब 23.55 प्रतिशत की वेतन वृद्धि की घोषणा की थी. सातवें वेतन आयोग का लाभ 53 लाख केंद्रीय पेंशनरों को मिला. यह अलग बात है कि केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनरों के अलावा इस वेतन आयोग का असर देश के आम नागिरकों पर भी हुआ.
  • Budget blog | रतन मणिलाल |गुरुवार जनवरी 19, 2017 07:07 PM IST
    यह भी रोचक है कि बजट पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव की प्रक्रिया शुरू होने के बाद आ रहा है, और ऐसे संकेत दिए गए हैं कि इन पांच राज्यों से संबंधित कोई विशिष्ट घोषणाएं नहीं की जाएंगी. लेकिन फिर भी, कुल मिलाकर इस बजट से देश के हर व्यक्ति को बड़ी उम्मीदें हैं, क्योंकि विमुद्रीकरण के बाद घरों के और व्यापार के बजट में आए भूचाल के बाद अब देश के बजट से ही स्थिति संभलने की उम्मीद है.
  • Budget blog | डॉ विजय अग्रवाल |बुधवार जनवरी 25, 2017 03:18 PM IST
    इस बार का बजट कैसा होना चाहिए, इसके अनुमान के लिए हमारे पास फिलहाल दो सबसे प्रमुख तत्व हैं. इनमें से एक आर्थिक है, तो दूसरा विशुद्ध राजनीतिक. आर्थिक के केंद्र में है - विमुद्रीकरण के बाद बनी देश की आर्थिक तस्वीर. राजनीतिक फ्रंट पर तात्कालिक रूप में पांच राज्यों के चुनाव हैं.
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