Zara Hatke | Written by: अमृता कोहली, Translated by: चतुरेश तिवारी |मंगलवार मई 9, 2017 10:15 PM IST "मैंने अपने बच्चों को कभी नहीं बताया कि मैं क्या करता हूं. मैंने कभी नहीं चाहता था कि उन्हें इसके बारे में पता चले क्योंकि उन्हें भी मेरी तरह शर्मिंदगी महसूस होगी." ये दास्तां एक ऐसे मजदूर की है जिसने पाई-पाई जोड़कर अपनी बेटी को पढ़ाया. इस मजदूर की पोस्ट फेसबुक पर वायरल हो रही है. उसकी मर्मस्पर्शी कहानी फेसबुक पर हजारों लोगों के दिल को छू गई है.