Blogs | हरिमोहन मिश्र |शनिवार जुलाई 30, 2016 09:16 PM IST दो घंटे की बारिश और दस घंटे जिंदगी बेहाल. सड़कें लबालब और बाईपास बेमानी. सैकड़ों वाहन और हजारों लोग अपनी कार में बैठे पूरी रात बिताने को मजबूर. काम-धंधे ठप्प. स्कूल-कॉलेज बंद. आईटी, ऑटो, मेडिकल, एजुकेशन, आउटसोर्सिंग इंडस्ट्री को करोड़ों की चपत.