Blogs | रवीश कुमार |बुधवार मार्च 8, 2017 09:41 PM IST आम समाज की यही सोच है कि लड़कियों के लिए सुरक्षा ज़रूरी है और देर रात तक बाहर रहने की इजाज़त मां-बाप भी नहीं देंगे. इस तरह से यह लड़ाई सिर्फ हॉस्टल के ख़िलाफ़ नहीं है. अपने उन घरों से भी है जहां इस तरह की पाबंदी है और जो इस तरह की पाबंदियों का समर्थन करते हैं.