MP-Chhattisgarh | Reported by: हृदयेश जोशी, Edited by: सूर्यकांत पाठक |बुधवार दिसम्बर 28, 2016 10:25 PM IST छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के लिए नोट बदलने के आरोप में गिरफ्तार किए गए सामाजिक कार्यकर्ताओं, वकीलों और पत्रकारों की एक टीम को रिहा करने की मांग तेज होती जा रही है. सामाजिक संगठनों और बुद्धिजीवियों ने कहा है कि नोटबंदी की आड़ में छत्तीसगढ़ पुलिस उन लोगों की आवाज को दबा रही है जो नक्सल प्रभावित इलाकों में मानवाधिकार उल्लंघन की घटनाओं को उजागर कर रहे हैं और पुलिस की ओर से की गई फर्जी मुठभेड़ों पर सवाल उठा रहे हैं.