Blogs | धर्मेंद्र सिंह |बुधवार अप्रैल 12, 2017 10:03 PM IST 'इकीरू' सिनेमा मात्र नहीं है. लगा कि कोई पाठशाला है जहां बैठकर बहुत कुछ पाया जा सकता है. सिनेमा के फॉर्मेट में इस पाठशाला को अकीरा कुरोसावा ने 1952 में बनाया था. जापान के इस महान फिल्मकार ने पर्दे पर जिस संवेदनशील कथ्य को गढ़ा है, वह जापानी समाज और सत्ता तंत्र के शीर्ष पे बैठे हुए एक बड़े ओहदे के नौकरशाह के जीवन-उद्देश्य के पुनराविष्कार की करुण-कथा है.