Blogs | रवीश कुमार |गुरुवार फ़रवरी 28, 2019 04:27 PM IST आशीष जोशी के लिए भी नियमों की गोलमोल व्याख्या की गई है. यह अफसर के इकबाल का अपमान है. आईएएस अफसरों का संगठन चाटुकारों का संगठन है. लोगों को चंदा कर एक झाल ख़रीदनी चाहिए. यह झाल आईएएस अफसरों के संगठन को दे देनी चाहिए ताकि वे सरकार के आगे बजाते रहें. अपने पतन को झाल के शोर में जश्न की तरह पेश करते रहें. आशीष जोशी जैसे अफसरों की ईमानदारी सीमा पर डटे एक सैनिक के साहस के बराबर है. अपना सब कुछ गंवाकर ईमानदार रहने की प्रक्रिया से गुज़र कर देखिए, पागल हो जाएंगे.