'Income tax rule changes for FY2018'

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  • Zara Hatke | Edited by: शालिनी सेंगर |गुरुवार मार्च 30, 2023 01:40 PM IST
    UPI Trends On Twitter: आज लगभग हर कोई Gpay, Paytm या PhonePe के जरिये ज्यादातर ट्रांजेक्शन करते हैं. आज कोई भी चीज खरीदने के लिए जेब में पैसे होने जरूरी नहीं है, सिर्फ मोबाइल ही काफी है.
  • File Facts | Written by: विवेक रस्तोगी |शुक्रवार दिसम्बर 29, 2017 01:10 PM IST
    हर वित्तवर्ष की शुरुआत में हर नौकरीपेशा शख्स अपने नियोक्ता को उस रकम की जानकारी देता है, जो वह इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम, बीमा पॉलिसी प्रीमियम, मकान किराया, होम लोन, एजुकेशन लोन या बच्चों की ट्यूशन फीस पर खर्च करने वाला है, और इसी घोषणा के आधार पर नियोक्ता तय करता है कि नौकरी करने वाले शख्स की एनुअल टैक्स लायबिलिटी, यानी वार्षिक कर देनदारी कितनी होगी, और उसे आपके वेतन से कितना टीडीएस (स्रोत पर कर कटौती या टैक्स डिडक्टिड एट सोर्स) काटना होगा. यदि ध्यान से और सोचसमझकर किया जाए, तो यह घोषणा भी आपको सालभर के लिए टैक्स प्लानिंग करने में मददगार साबित हो सकती है... इस साल कुछ नियम बदल गए हैं, सो, जब आप अपने नियोक्ता को अपनी बचत की जानकारी दें, तो 1 अप्रैल, 2017 से बदल चुके इन नियमों का ध्यान रखें...
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