India | प्रभात उपाध्याय |बुधवार अगस्त 22, 2018 02:08 PM IST जिस समय महाराजा यादवेंद्र सिंह इस ऊहापोह से गुज़र रहे थे, ठीक उसी वक्त एक अंग्रेज़ पटियाला से करीब 6,000 मील दूर लंदन में देशी रियासतों के पक्ष में दलीलें पेश कर रहा था. उसका तर्क था कि भारतीय रजवाड़ों ने अपने अधिकार ब्रिटिश सम्राट को सौंपे थे, सो, स्वतंत्रता के बाद रजवाड़ों को उनके अधिकार वापस दे दिए जाने चाहिए.