'Indian space agency isro'

- 9 न्यूज़ रिजल्ट्स
  • Zara Hatke | Written by: बिक्रम कुमार सिंह |मंगलवार नवम्बर 28, 2023 06:09 PM IST
    भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) द्वारा 2015 में प्रक्षेपित एस्ट्रोसैट की कार्य अवधि पांच साल के लिए निर्धारित थी, लेकिन यह अवलोकन कार्य में खगोलविदों के लिए अब भी अच्छी स्थिति में बना हुआ है. यह उपग्रह भारत की पहली समर्पित बहु-तरंगदैर्ध्य अंतरिक्ष वेधशाला है.
  • India | Reported by: पल्लव बागला, Edited by: सूर्यकांत पाठक |रविवार अगस्त 27, 2023 06:04 PM IST
    भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी ने चंद्रमा के अब तक अज्ञात रहे दक्षिणी ध्रुवीय क्षेत्र से पहला वैज्ञानिक डेटा हासिल कर लिया है. यह एजेंसी के चंद्रयान -3 मिशन की एक बड़ी सफलता है. विक्रम लैंडर की थर्मल जांच में रिकॉर्ड किया गया कि सतह पर, सतह के पास और चंद्रमा की सतह पर गहराई में तापमान कैसे बदलता है.
  • India | Edited by: सूर्यकांत पाठक |बुधवार अगस्त 23, 2023 05:35 PM IST
    जहां 1.4 अरब भारतीय सांस रोककर चंद्रयान 3 के चंद्रमा की सतह पर उतरने का इंतजार कर रहे हैं, वहीं इतिहास बनाने की दिशा में बढ़ते हुए अंतरिक्ष यान को ट्रैक करने में दो अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष एजेंसियां भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) की सहायता करेंगी. अमेरिका के नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (NASA) और यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ESA) के अंतरिक्ष स्टेशन लैंडर के उतरने के दौरान मिशन संचालन टीम को ट्रैकिंग सहायता प्रदान करेंगी.
  • Zara Hatke | Written by: बिक्रम कुमार सिंह |गुरुवार जुलाई 21, 2022 08:38 PM IST
    कहा जाता है कि आने वाला समय स्पेस इंडस्ट्री का है. जो देश जितना घुमेगा उसे उतना फायदा मिलेगा. कहने का मतलब है कि पृथ्वी के संसाधन खत्म हो रहे हैं, ऐसे में मानव जीवन को बचाने के लिए अन्य ग्रहों पर जाना बेहद जरूरी है. भारत समेत दुनिया भर के 61 देश इस पर काम कर रहे हैं.
  • India | Reported by: भाषा |शुक्रवार अगस्त 21, 2020 06:15 AM IST
    अंतरिक्ष एजेंसी इसरो ने कहा कि भारत के दूसरे चंद्र अभियान चंद्रयान-2 ने बृहस्पतिवार को चंद्रमा की कक्षा में चारों ओर परिक्रमा करते हुए एक वर्ष पूरा कर लिया है और इसके सभी उपकरण वर्तमान में अच्छी तरह काम कर रहे हैं. साथ ही कहा कि सात और वर्षों के संचालन के लिए चंद्रयान-2 में पर्याप्त ईंधन मौजूद है.
  • File Facts | Written by: पल्लव बागला, Translated by: विवेक रस्तोगी |गुरुवार दिसम्बर 20, 2018 04:46 PM IST
    भारतीय वायुसेना (IAF) के सभी एसेट्स को जोड़ने में मदद करने तथा फोर्स मल्टीप्लायर की तरह काम करने वाला संचार उपग्रह भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी ISRO का वर्ष 2018 के दौरान 17वां और आखिरी मिशन है. बुधवार शाम को श्रीहरिकोटा से प्रक्षेपित हुए बहुप्रतीक्षित GSAT-7A भारतीय वायुसेना के सभी एसेट्स, यानी विमान, हवा में मौजूद अर्ली वार्निंग कंट्रोल प्लेटफॉर्म, ड्रोन तथा ग्राउंड स्टेशनों को जोड़ देगा, और केंद्रीकृत नेटवर्क बना देगा. GSAT-7A उपग्रह सफलतापूर्वक कक्षा में स्थापित हो गया. GSAT-7 और GSAT-6 के साथ मिलकर 'इंडियन एन्ग्री बर्ड' कहा जाने वाला यह नया उपग्रह संचार उपग्रहों का एक बैन्ड तैयार कर देगा, जो भारतीय सेना के काम आएगा.
  • India | Reported by: पल्लव बागला, Translated by: श्रीराम शर्मा |बुधवार जून 7, 2017 07:52 PM IST
    भारत के अब तक के सबसे वजनी अंतरिक्ष यान जीएसएलवी एमके-3 का सोमवार को सफल प्रक्षेपण किया गया. 640 टन वजनी इस यान का वजन 200 बड़े हाथियों जितना है.
  • India | Edited by: संदीप कुमार |रविवार मई 14, 2017 07:11 PM IST
    इस रॉकेट का उल्लेखनीय पहलू यह है कि इसका मुख्य और बड़ा क्रायोजेनिक इंजन चेन्नई में अंतरिक्ष वैज्ञानिकों द्वारा विकसित किया गया है और यह पहली बार रॉकेट को शक्ति देगा.
  • India | Reported by: पल्लव बागला |रविवार अक्टूबर 2, 2016 03:17 PM IST
    भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) युद्ध नहीं लड़ता और यह पूरी तरह से एक असैन्य एजेंसी है. लेकिन देश को कुछ ऐसी क्षमताओं से यह लैस करता है, जो विश्व में उत्कृष्ट हैं.
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