India | Reported by: राजीव रंजन, Edited by: मानस मिश्रा |मंगलवार सितम्बर 15, 2020 05:52 PM IST बीते 15 जून को हुई झड़प के बाद एक चीन जहां पर शांति और बातचीत से विवाद सुलझाने की बात करता है तो दूसरी ओर चीनी सेना लद्दाख पर नजरें गड़ाए बैठी है. उसके पैंतरे का जवाब देने के लिए भारतीय सेना भी तैयार बैठी है. चीनी के साथ सैन्य स्तर की बातचीत जारी ही थी कि पूर्वी लद्दाख सेक्टर में दोनों देशों के सैनिकों के बीच एक बार फिर हालात बिगड़ गए. यह हालात तब बिगड़े जब चीनी सैनिकों ने पैंगांग झील के दक्षिणी किनारे पर भारतीय क्षेत्र में घुसपैठ करने की कोशिश की. इसके बाद भारतीय जवानों ने उसे रोकने की कोशिश की. भारतीय सेना के मुताबिक चीनी सैनिकों को पीछे धकेला जा चुका है. मौजूदा घटना में यह भी देखा जा सकता है कि अब तक चीन के साथ पैंगोंग सो झील के उत्तरी किनारे पर दिक्कतें थीं तो फिर अब पीएलए ने पैंगोंग सो में दक्षिणी छोर में यह हरकत क्यों की है. ज़ाहिर तौर पर यह घटना पीएलए की मंशा पर बड़े सवाल खड़े करती है. क्योंकि पांच दौर की लेफ्टिनेंट जनरल जनरल स्तर की बातचीत अब तक हो चुकी है. इसके अलावा चीन के साथ विवाद सुलझाने के लिये बातचीत हुई है .इसके बावजूद इसके चीन यथास्थिति में बदलाव करना चाहता है. भारत की ज़मीन कब्जा करना चाहता है. यह सीधे सीधे तनाव का बढ़ावा देने वाली हरकत है. फिलहाल रक्षा मंत्रालय के मुताबिक 29 और 30 अगस्त की रात को हुई इस झड़प में कोई घायल हुआ या नहीं, इसकी कोई आधिकारिक जानकारी नहीं मिल सकी है. पैंगोंग झील के दक्षिणी किनारे पर चीनी सैनिकों की आक्रमक गतिविधि का भारतीय सेना ने विरोध किया.