India | Written by: मानस मिश्रा |मंगलवार नवम्बर 26, 2019 11:33 AM IST महाराष्ट्र में तेज़ी से बदलते राजनीतिक घटनक्राम में आज सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया है कि कल यानी 27 नवंबर को विधानसभा में बहुमत का परीक्षण किया जाएगा. इसके साथ ही अदालत ने कहा है कि कल शाम 5 बजे के पहले तक फ्लोर टेस्ट हो जाए और इसका लाइव टेलीकॉस्ट किया जाए. लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि NCP की तरफ़ से व्हिप करने का अधिकार किसे है, जयंत पाटिल को या फिर अजित पवार को. NCP की मानें तो ये अधिकार जयंत पाटिल के पास है क्योंकि विधानसभा में विधायकों और उनके नेता की जो चिट्ठी जमा की गई है उसमें जयंत पाटिल का नाम है जबकि बीजेपी का दावा है कि NCP विधायक दल के नेता के तौर पर अजित पाटिल की नियुक्ति वैध है जबकि जयंत पाटिल की अवैध. आपको बता दें कि व्हिप जारी करने वाले नेता के पास व्हिप ना मानने वाले विधायकों के ख़िलाफ़ कार्रवाई की अनुशंसा का अधिकार होगा. विशेषज्ञों की मानें तो इस मामले में जयंत पाटिल का पलड़ा भारी दिख रहा है.