India | Reported by: मोहम्मद अतहरुद्दीन मुन्ने भारती |बुधवार अगस्त 1, 2018 09:05 PM IST जमाअत इस्लामी हिन्द के अमीर (अध्यक्ष) मौलाना सैयद जलालुद्दीन उमरी कहा कि एनआरसी सूची से लगभग 40 लाख लोगों को भारत की नागरिकता से वंचित होने का संदेह चिंता का विषय है. उन्होंने कहा कि 1985 में असम समझौते के अनुसार 24 मार्च 1971 के बाद जिस किसी ने भी राज्य में प्रवेश किया है उसे अवैध नागरिक माना जाता है. एनआरसी में नाम दर्ज कराने के लिए आवेदकों पर दायित्व था कि वे सबूत उपलब्ध कराएं. लेकिन वे वास्तविक नागरिक जो ग़रीब, पिछड़े या प्राकृतिक प्रकोप के कारण अपने दस्तावेज़ों को सुरक्षित नहीं रख सके उनके नाम एनआरसी में दर्ज होने से रह गया है.