Blogs | रवीश कुमार |सोमवार दिसम्बर 16, 2019 11:58 PM IST लोगों को तय करना है कि आईटी सेल के तर्कों के हिसाब से सोचना है या अपने हिसाब से सोचना है. अभी कहा जा रहा है कि जामिया के छात्रों को बहकाया गया है, छात्रों का काम पढ़ना है, प्रदर्शन करना नहीं है. क्या आप वाकई यह मानते हैं कि छात्र सिर्फ बहकावे और उकसावे पर प्रदर्शन कर रहे हैं? पढ़ाई को लेकर जब दिल्ली यूनिवर्सिटी के एडहॉक शिक्षक प्रदर्शन करते हैं तब तो कोई नहीं बोलता. देश भर के करोड़ों नौजवान सरकारी नौकरी की परीक्षा और यूनिवर्सिटी की परीक्षा को लेकर भी आंदोलन करते हैं, लाठियां खाते हैं. कोई ध्यान नहीं देता है.