Blogs | विनोद वर्मा |मंगलवार दिसम्बर 6, 2016 04:45 PM IST एआईएडीएमके मूल रूप से दलितों की राजनीति करने वाली पार्टी थी और जयललिता ब्राह्मण. लेकिन क्या यह कम चमत्कारिक है कि ब्राह्मण जयललिता ब्राह्मण विरोध से जन्मी एक पार्टी के शीर्ष पर पहुंचती हैं और सर्व-स्वीकार्य-सर्वमान्य नेता बनी रहती हैं.