India | रवीश कुमार |शनिवार दिसम्बर 15, 2018 07:40 AM IST इतिहास और कल्पना के घोल से जो रसायन वह तैयार करते हैं, जितनी गहराई से अपने विषय पर शोध करते हैं और उसे जिस बारीक़ी से रचना में बदलते हैं, वह आपको बिल्कुल हैरान छोड़ जाता है. भाषा, पर्यावरण, राजनीति- जैसे जीवन का कोई पहलू उनसे छूटता नहीं. 'सी ऑफ़ पॉपीज़़' में वे इस बात की ओर ध्यान खींचते हैं कि कैसे भारत में अंग्रेजी साम्राज्यवाद ने यहां की खेती बरबाद की, आम फ़सलों की जगह अफीम उगाने को मजबूर किया और पूरे उत्तर भारत के सामाजिक-आर्थिक तंत्र को झकझोर दिया.