मेडिकल दाखिला घोटाला: पहली बार HC के मौजूदा जज के खिलाफ दर्ज होगा मामला, CJI ने दी CBI को मंजूरी
India | बुधवार जुलाई 31, 2019 10:37 AM IST
सीबीआई ने प्रसाद इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस में मेडिकल एडमिशन घोटाले को लेकर उड़ीसा हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज आईएम कुद्दूसी, प्रसाद एजुकेशनल ट्रस्ट के मालिक बीपी यादव, पलाश यादव व बिचौलिए विश्वनाथ अग्रवाल, भावना पांडेय समेत मेरठ के एक मेडिकल कॉलेज के सुधीर गिरी और अन्य अज्ञात सरकारी व निजी संस्थान से जुड़े लोगों पर केस दर्ज किया था.
अलका लांबा का अरविंद केजरीवाल पर निशाना: ACB मिलने पर शीला दीक्षित पर कार्रवाई करते या गठबंधन बचाते?
India | गुरुवार फ़रवरी 14, 2019 09:45 PM IST
आम आदमी पार्टी से विधायक अलका लांबा ने एक बार फिर से पार्टी लाइन से हटकर बातें की हैं. दिल्ली सरकार बनाम एलजी मामले में में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अलका लांबा ने ट्वीट के जरिए एक बार फिर से अपनी ही पार्टी पर सवाल उठाए हैं.
India | गुरुवार फ़रवरी 14, 2019 02:57 PM IST
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर कहा कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला दुर्भाग्यपूर्ण है. यह दिल्ली के लोगों के साथ अन्याय है. कोर्ट का सम्मान करते हैं, लेकिन फैसला अन्यायपूर्ण है.
NDTV से बोले जस्टिस कुरियन, 'स्वतंत्र रूप से फैसले नहीं ले रहे थे पूर्व चीफ जस्टिस'
India | सोमवार दिसम्बर 3, 2018 06:22 PM IST
हाल ही में सुप्रीम कोर्ट से रिटायर हुए और जनवरी में प्रेस कॉन्फ्रेंस करने वाले 4 जजों में शामिल जस्टिस कुरियन जोसेफ़ ने NDTV से कहा कि पूर्व चीफ़ जस्टिस दीपक मिश्रा स्वतंत्र तौर पर फ़ैसले नहीं ले रहे थे बल्कि वो किसी बाहरी प्रभाव में फ़ैसले ले रहे थे.
India | सोमवार अक्टूबर 1, 2018 08:34 PM IST
उन्होंने कहा, ‘‘यदि हम अपने सांविधानिक आदर्शो पर सही मायने में कायम करने में विफल रहे, तो हम एक दूसरे को मारते रहेंगे और नफरत करते रहेंगे.’’
India | सोमवार अक्टूबर 1, 2018 06:35 PM IST
चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा (Justice Dipak Misra) मंगलवार को रिटायर हो रहे हैं. अपने फेयरवेल पर चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने कहा कि मैं लोगों को इतिहास के तौर पर जज नहीं करता. उन्होंने कहा कि मैं यह भी नहीं कह सकता कि अपनी जुबान रोको, ताकि मैं बोल सकूं. मैं आपकी बात सुनूंगा और अपने तरीके से अपनी बात रखूंगा. मैं लोगों को इतिहास से नहीं उनकी गतिविधियों और सोच से जज करता हूं. उन्होंने कहा कि समता के साथ न्याय यानी 'जस्टिस विद इक्विटी' तब सार्थक होगा जब देश के सुदूर इलाके के हर व्यक्ति को न्याय मिलेगा.
जानें कौन हैं सुप्रीम कोर्ट के वे 5 जज, जिन्होंने आधार की संवैधानिकता पर दिया बड़ा फैसला
India | बुधवार सितम्बर 26, 2018 01:17 PM IST
आधार मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को अपने फैसले में केन्द्र की महत्वाकांक्षी योजना आधार को संवैधानिक रूप से वैध करार दिया. चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने अपने फैसले में कहा कि आधार का लक्ष्य कल्याणकारी योजनाओं को समाज के वंचित तबके तक पहुंचाना है और वह ना सिर्फ व्यक्तिगत बल्कि समुदाय के दृष्टिकोण से भी लोगों के सम्मान का ख्याल रखती है. शीर्ष अदालत ने कहा कि आधार जनहित में बड़ा काम कर रहा है और आधार का मतलब है अनोखा और सर्वश्रेष्ठ होने के मुकाबले अनोखा होना बेहतर है. संविधान पीठ ने अपने फैसले में कहा कि आधार को अब बैंक खाते से लिंक करने की जरूरत नहीं होगा. साथ ही कोर्ट ने कहा कि स्कूलों में भी अब आधार की अनिवार्यता नहीं होगी.
राजनीति का अपराधीकरण पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा- संसद को इस कैंसर का उपचार करना चाहिए
India | मंगलवार सितम्बर 25, 2018 11:55 AM IST
राजनीति में अपराधीकरण को लेकर को लेकर पांच जजों का संविधान पीठ ने कहा कि करप्शन एक नाउन है. चीफ जस्टिस ने कहा कि करप्शन राष्ट्रीय आर्थिक आतंक बन गया है.
जब सुप्रीम कोर्ट में परंपराओं को दरकिनार कर हुई चीफ जस्टिस की नियुक्ति, ये हैं 2 मामले
India | बुधवार सितम्बर 5, 2018 11:34 AM IST
CJI पर राष्ट्रपति ही अंतिम निर्णय लेते हैं. वर्ष 1950 में सुप्रीम कोर्ट की स्थापना के बाद से अब तक देश में इसी प्रक्रिया के तहत CJI की नियुक्ति होती रही है, लेकिन दो बार ऐसे मौके भी आए जब वरिष्ठता क्रम और परंपराओं को दरकिनार कर CJI की नियुक्ति की गई. दोनों ही बार इंदिरा गांधी प्रधानमंत्री थीं.
जब जस्टिस दीपक मिश्रा ने की आधी रात को सुनवाई, ये हैं उनके 5 ऐतिहासिक फैसले
File Facts | मंगलवार सितम्बर 4, 2018 12:21 PM IST
चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा दो अक्टूबर को रिटायर होने जा रहे हैं. उन्होंने जस्टिस रंजन गोगोई का नाम अगले CJI के लिए केंद्र सरकार को भेजा है. जस्टिस दीपक मिश्रा ने 14 फरवरी 1977 को उड़ीसा हाई कोर्ट में वकालत की प्रैक्टिस शुरू की थी. इसके बाद 1996 में उन्हें उड़ीसा हाई कोर्ट का एडिशनल जज बनाया गया और बाद में उनका ट्रांसफर मध्य प्रदेश हाई कोर्ट कर दिया गया. इसके बाद वे दिसंबर 2009 में पटना हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस बने. 24 मई 2010 में दिल्ली हाई कोर्ट में बतौर चीफ जस्टिस उनका ट्रांसफर हुआ और 10 अक्टूबर 2011 को उन्हें सुप्रीम कोर्ट का जज बनाया गया. पिछले साल 28 अगस्त को उन्होंने बतौर चीफ जस्टिस कार्यभार ग्रहण किया. सुप्रीम कोर्ट में अपने कार्यकाल के दौरान जस्टिस दीपक मिश्रा ने कई ऐतिहासिक फैसले सुनाये. बहुचर्चित निर्भया कांड में दोषियों की सजा को बरकरार रखने का उनका फैसला लैंडमार्क माना गया. तो वहीं आतंकी याकूब मेमन की फांसी से ऐन पहले आधी रात को सुनवाई की और सजा बरकरार रखी. आइये आपको चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा के ऐसे ही पांच ऐतिहासिक फैसलों के बारे में बताते हैं.
स्वतंत्रता दिवस समारोह पर CJI दीपक मिश्रा ने कहा, संस्थान की अालोचना करना और नष्ट करना आसान
India | बुधवार अगस्त 15, 2018 02:15 PM IST
सुप्रीम कोर्ट में स्वतंत्रता दिवस समारोह CJI दीपक मिश्रा ने कहा कि किसी भी संस्थान की आलोचना करना या नष्ट करने की कोशिश करना आसान है.
सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस के एम जोसेफ समेत तीन जज ने ली शपथ, अब हुए कुल 25 जज
India | मंगलवार अगस्त 7, 2018 11:05 AM IST
सुप्रीम कोर्ट में तीन जज जस्टिस इंदिरा बनर्जी, जस्टिस विनीत सरन और जस्टिस के एम जोसेफ ने शपथ ली. CJI दीपक मिश्रा ने तीनों जजों को शपथ दिलाई. इन तीन नियुक्तियों के साथ ही सुप्रीम कोर्ट में जजों की संख्या 25 हो गई है जबकि कोर्ट में 31 जजों के पद हैं.
समलैंगिकता अपराध है या नहीं? केंद्र ने कहा- धारा 377 का मसला हम सुप्रीम कोर्ट के विवेक पर छोड़ते हैं
India | बुधवार जुलाई 11, 2018 12:38 PM IST
समलैंगिकता अपराध है या नहीं, इसे तय करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है. मंगलवार से जारी सुनवाई में कई तरह की बातें आने के बाद बुधवा को केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय पीठ से कहा कि समलैंगिकता संबंधी धारा 377 की संवैधानिकता के मसले को हम कोर्ट के विवेक पर छोड़ते हैं.
समलैंगिकता अपराध है या नहीं? सुप्रीम कोर्ट में धारा 377 पर आज से सुनवाई, 10 बड़ी बातें
File Facts | मंगलवार जुलाई 10, 2018 06:50 AM IST
समलैंगिगता को अपराध मानने वाली IPC धारा 377 को अंसवैधानिक करार देने की मांग करने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में पांच जजों की संविधान पीठ आज मंगलवार यानी 10 जुलाई मंगलवार से सुनवाई शुरू करेगी. इससे पहले सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र की चार हफ्ते के लिए सुनवाई टालने के आग्रह को ठुकरा दिया. चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने कहा कि सुनवाई टाली नहीं जाएगी. बता दें कि दिल्ली हाई कोर्ट ने 2009 में अपने एक फैसले में कहा था कि आपसी सहमति से समलैंगिकों के बीच बने यौन संबंध अपराध की श्रेणी में नहीं होंगे. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस फैसले को दरकिनार करते हुए समलैंगिक यौन संबंधों को आईपीसी की धारा 377 के तहत ‘अवैध’ घोषित कर दिया था.
India | सोमवार जुलाई 9, 2018 01:19 PM IST
समलैंगिगता को अपराध मानने वाली IPC धारा 377 को अंसवैधानिक करार देने की मांग करने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में पांच जजों की संविधान पीठ 10 जुलाई यानी मंगलवार से सुनवाई शुरू करेगी. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र की चार हफ्ते के लिए सुनवाई टालने के आग्रह को ठुकरा दिया. चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने कहा कि सुनवाई टाली नहीं जाएगी. बता दें कि केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि इस मामले में सरकार को हलफनामा दाखिल करना है जो इस केस में महत्वपूर्ण हो सकता है. इसलिए केस को चार हफ्ते के लिए टाला जाए. CJI ने केंद्र से कहा कि मंगलवार को कल याचिकाकर्ता बहस करेंगे. केंद्र उसके बाद कर सकता है.
समलैंगिकता अपराध है या नहीं? सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की संविधान पीठ 10 जुलाई से करेगी सुनवाई
Pramukh Khabrein | शुक्रवार जुलाई 6, 2018 03:27 PM IST
समलैंगिगता को अपराध मानने वाली आईपीसी की धारा 377 को अंसवैधानिक करार देने की मांग करने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में पांच जजों की संविधान पीठ 10 जुलाई से सुनवाई शुरू करेगी. सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस रोहिंग्टन आर नरीमन, जस्टिस ए एम खानविलकर, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड और जस्टिस इंदू मल्होत्रा की संविधान पीठ इस मामले की सुनवाई करेगी. बता दें कि इससे पहले सुप्रीम कोर्ट केंद्र को नोटिस जारी कर जवाब मांग चुका है.
न्यायपालिका और सरकार के बीच टकराव में अब आगे क्या?
Blogs | गुरुवार अप्रैल 26, 2018 07:08 PM IST
न्यायपालिका और सरकार के बीच टकराव कोई नई बात नहीं है. लेकिन इस बार यह टकराव नए अंदाज़ में सामने आया है. यह टकराव ऐसे समय हो रहा है जब न्यायपालिका गंभीर आंतरिक संकट से जूझ रही है.
महाभियोग पर कपिल सिब्बल का अब इतना बड़ा यू-टर्न क्यों?
India | मंगलवार अप्रैल 24, 2018 10:24 AM IST
चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू की ओर से खारिज किये जाने के बाद घमासान जारी है. राज्यसभा सभापति के इस फैसले को एक ओर जहां कांग्रेस असंवैधानिक बता रही है, वहीं बीजेपी इसे नियम के अनुरुप बता रही है. कांग्रेस की ओर से सीजेआई के खिलाफ महाभियोग मामले का नेतृत्व खुद वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल कर रहे हैं. आज जिस महाभियोग प्रस्ताव पर कपिल सिब्बल का स्टैंड दिख रहा है, अभी से कुछ साल पहले जब कांग्रेस सत्ता में थी, तब उनका स्टैंड इसी मामले को लेकर कुछ और था. आठ साल पहले कपिल सिब्बल जब कांग्रेस की सत्ता में मंत्री थे, तब जजों के खिलाफ ऐसी कार्रवाई पर उनका स्टैंड पूरी तरह से अलग था.
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