Blogs | प्रियदर्शन |मंगलवार मार्च 6, 2018 03:11 PM IST सरकार बनने से पहले कम्युनिस्टों के साथ हिंसा की ख़बरें आ रही हैं. मूर्ति गिराई जा रही है. यह भारत को भारत नहीं रहने देना है. अफगानिस्तान और सीरिया में बदलना है. जो लोग मार्क्सवाद के शव के चारों तरफ खुशी से प्रेतनृत्य कर रहे हैं, उन्हें इस ध्वंस से डरना चाहिए. यह ध्वंस भारतीय परम्परा नहीं है. लेनिन की मूर्ति गिराने वाले वही लोग हैं, जो दूसरी जगह गोडसे की मूर्ति लगाते हैं. लेनिन मिट जाए और गोडसे बच जाए - कम से कम यह भारत नहीं चाहेगा.