सबख़बरेंवीडियोवेब स्टोरीज़'Literature' - 643 न्यूज़ रिजल्ट्स पुस्तक समीक्षा: बीवी कैसी होनी चाहिए, सामाजिक बुराइयों को सामने लाती एक किताबLiterature | Written by: Himanshu Joshi |मंगलवार अप्रैल 9, 2024 08:40 AM IST मुहम्मद अली रूदौलवी द्वारा लिखे इन कहानियों और पत्रों का सम्पादन एवं संकलन शुऐब शाहिद द्वारा किया गया है. विक्रम नायक द्वारा तैयार किताब का आवरण चित्र, किताब के नाम की तरह ही रोचक है.पुस्तक समीक्षा : एक सभ्यता डूब जाने का हाल बताती 'टिहरी की जल समाधि एक दस्तावेज'Literature | Written by: Himanshu Joshi |मंगलवार अप्रैल 9, 2024 08:40 AM IST 'टिहरी की जल समाधि एक दस्तावेज' महिपाल नेगी की लिखी किताब है और यह समय साक्ष्य प्रकाशन से प्रकाशित होकर आई है.पुस्तक समीक्षा : दिल्ली के उजड़ने से पहले का दस्तावेज़ है 'दिल्ली के चटख़ारे'Literature | Written by: Himanshu Joshi, Edited by: विवेक रस्तोगी |गुरुवार अप्रैल 4, 2024 09:39 AM IST रेख्ता बुक्स और राजकमल प्रकाशन से प्रकाशित किताब 'दिल्ली के चटख़ारे' के लेखक शाहिद अहमद देहलवी हैं और इस किताब का संकलन एवं संपादन शुऐब शाहिद द्वारा किया गया है.नदी सिंदूरी: पीछे छूटे गांव को शब्दों से खींचते शिरीष खरेLiterature | हिमांशु जोशी |गुरुवार अप्रैल 4, 2024 12:53 AM IST 'एक देश बारह दुनिया' किताब से चर्चा में आए लेखक शिरीष खरे की 'नदी सिंदूरी' आपको गांव के रहन सहन से वाकिफ कराती जाएगी. सिंदूरी नदी के किनारे बसे गांव मदनपुर की कहानियों को सामने लाते शिरीष खरे हमें अवधेश, बसंत, खूंटा जैसे किरदारों के पास ले जाते हैं. गांव में जातिवाद के मकड़जाल को शिरीष कुछ इस तरह लिखते हैं कि दलित बसंत एक दिन गांव का हीरो है तो एक दिन ऊंची जाति के लोगों के सामने सर उठाने की वजह से वो अधमरा है. खुद के किशोर जीवन की कहानी शिरीष ने जिस तरह लिखी है उससे एक किशोर मन में चल रही उथल पुथल से भी पाठक परिचित होते जाते हैं.प्रियदर्शन के नाटक 'बेटियां मन्नू की' का मंचन, ऑडिटोरियम में गूंजता स्त्री अस्मिता का सवालLiterature | Reported by: अदिति राजपूत, Edited by: अंजलि कर्मकार |गुरुवार अप्रैल 4, 2024 12:05 AM IST सिर्फ 4 कलाकारों ने इन 9 रचनाओं की अलग-अलग स्थितियों को जीवंत कर दिया. कलाकारों की दमदार प्रस्तुति ने स्त्री के जीवन की उधेड़बुन और परिवार और अपनी इच्छा को चुनने के अंतर्द्वंद्व को बखूबी दर्शाया.विश्व पुस्तक मेले में तसनीम खान के उपन्यास 'हमनवाई न थी' का विमोचनLiterature | Reported by: NDTV इंडिया |मंगलवार फ़रवरी 20, 2024 09:38 PM IST तसनीम खान का पहला उपन्यास 'ए मेरे रहनुमा' 2016 में भारतीय ज्ञानपीठ से आ चुका है. इसका अंग्रेजी अनुवाद भी भारतीय ज्ञानपीठ से प्रकाशित हो चुका है.'लिव-इन' : बनते-टूटते रिश्तों और इससे परिवारों के बिखरने पर सवाल उठाने वाली नाट्य प्रस्तुतिIndia | Written by: सूर्यकांत पाठक |सोमवार फ़रवरी 19, 2024 12:07 PM IST बदलते समय के साथ संयुक्त परिवारों की जगह 'न्यूक्लियर फैमिली' अस्तित्व में आई और इसके बाद अब एक नए तरह के रिश्ते बनने लगे हैं- 'लिव-इन रिलेशन', जो कि परिवार की सीमाओं से बंधन मुक्त हैं. इन बनते-टूटते रिश्तों के बीच सिर्फ और सिर्फ स्त्री-पुरुष हैं.. न तो बच्चे हैं, न ही कोई जिम्मेदारी.. सिर्फ एक 'कॉन्ट्रेक्ट' है जो एक स्त्री-पुरुष के बीच है. यह अलिखित कॉन्ट्रेक्ट कभी भी तोड़ा जा सकता है और नया कॉन्ट्रेक्ट बनाया जा सकता है. पश्चिमी देशों का यह प्रचलन भारत में भी फैलता जा रहा है. स्त्री-पुरुष के बीच सिर्फ यौन संबंधों और कुछ हद तक व्यवसायिकता के लिए बनने वाले इन संबंधों के बीच परिवार नाम की संस्था कहीं पीछे छूटती दिखती है."कांग्रेस को राहुल गांधी और गांधी परिवार से बाहर भी सोचना चाहिए": जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में NDTV से शर्मिष्ठा मुखर्जीIndia | Edited by: तिलकराज |सोमवार फ़रवरी 5, 2024 03:36 PM IST शर्मिष्ठा मुखर्जी ने लिटरेचर फेस्टिवल में पिता पर लिखी किताब के बारे में चर्चा करते हुए कहा कि प्रणब मुखर्जी, इंदिरा गांधी के अंधभक्त थे. वे इंदिरा गांधी से पूछकर कपड़े पहनते थे.बहुमत की आड़ में देश चुनावी लोकतंत्र के बजाय ‘चुनावी तानाशाही’ में बदल रहा : शशि थरूरIndia | Reported by: भाषा |रविवार फ़रवरी 4, 2024 07:28 PM IST लोकतांत्रिक संस्थाओं के क्षरण पर चिंता जताते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने रविवार को यहां कहा कि बहुमत की आड़ में देश चुनावी लोकतंत्र के बजाय ‘चुनावी तानाशाही’ में बदल रहा है. थरूर ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर परोक्ष रूप से निशाना साधते हुए कहा कि भारतीय राजनीतिक परिदृश्य व्यक्ति केंद्रित हो गया है और पिछले दस वर्षों से देश ने केवल 'मैं ' और ‘सिर्फ मैं' ही सुना है.राम मंदिर प्राण-प्रतिष्ठा समारोह के बीच अंगिका रामचरितमानस का विमोचन, 3 साल में पूरा हुआ महाकाव्यIndia | Reported by: Prabhanshu Ranjan, Edited by: अभिषेक पारीक |रविवार जनवरी 21, 2024 03:54 PM IST अंगिका रामचरितमानस की रचयिता कुमारी रूपा ने कहा कि इसे लिखने में उन्हें तीन साल का समय लगा. उन्होंने बताया कि दिल्ली में रहने वाले अखिल भारतीय अंगिका समाज के लोगों की प्रेरणा से वो इस महाकाव्य को लिपिबद्ध कर पाने में सफल हुई. और पढ़ें » 'Literature' - 23 वीडियो रिजल्ट्स शर्मिष्ठा मुखर्जी ने पिता प्रणब मुखर्जी पर किताब लिखने की वजह बताईFeb 05, 20243:44पूनम अरोड़ा सनातन संगीत संस्कृति पुरस्कार से सम्मानितOct 25, 20230:52दिल्ली पुस्तक मेले के पहले दिन चहल-पहल दिखीJul 30, 20233:092023 के पुस्तक मेले में क्षेत्रीय साहित्य पर ख़ास ज़ोर दिया गया हैJul 30, 20236:24बीजेपी सरकार ने संसद को नोटिस बोर्ड, रबर स्टांप तक सीमित कर दिया: शशि थरूरJan 21, 20231:40हिंदी पत्रिका 'हंस' का वार्षिक साहित्योत्सवOct 27, 20220:44मध्यप्रदेश के भोपाल में खुफिया एजेंसिंयों ने किया चार संदिग्ध आतंकियों को गिरफ्तारMar 13, 20222:12प्रणय रॉय की साहित्य के नोबेल विजेता अब्दुलरजाक गुरनाह से बातचीतDec 22, 202125:00जबलपुर में आर्ट, लिटरेचर, म्यूजिक फेस्टिवल, समारोह में 16 कलाकारों की प्रदर्शनीDec 17, 20210:51प्राइम टाइम: नामवर सिंह के निधन से हिंदी साहित्य के एक युग का अंतFeb 20, 201931:47और देखें » 'Literature' - 1 वेब स्टोरीज़ रिजल्ट्सबॉलीवुड की विमेन राइटर्सSep 24, 2020