Blogs | रवीश कुमार |मंगलवार फ़रवरी 26, 2019 03:59 PM IST गौरव दत्त के इंसाफ के लिए आप चिंतित नहीं हैं. आप मौकापरस्त हैं. मोदी की आलोचनाओं से संभल नहीं पाते हैं तो बंगाल और केरल से घटनाएं खोजने लगते हैं. मैं मानता हूं कि गौरव दत्त की आत्महत्या सरकारी हत्या है. मुझसे सवाल करने के बहाने ही सही, आपके भीतर का कुछ तो हिस्सा समझ रहा है कि मुख्यमंत्रियों और प्रधानमंत्रियों के पास अधिकारियों के साथ खिलवाड़ करने के कितने रास्ते होते हैं. उन्होंने ईमानदार अफसरों के साथ क्या-क्या किया है.