Jashn-e-Azaadi | ख़बर न्यूज़ डेस्क |मंगलवार अगस्त 14, 2018 12:34 PM IST जनसंख्या के लिहाज से दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा देश ओलिंपिक जैसे बड़े आयोजन में लंबे समय तक पदकों के लिए तरसता नजर आता रहा. खेलों के लिए पर्याप्त अधोसंरचना का अभाव, गरीबी और कुषोषण, पेशेवर अंदाज में तैयारी का अभाव और हुक्मरानों के खेलों को लेकर अनदेखी इसका बड़ा कारण रहा. बहरहाल, पिछले 10-15 वर्षों में इस स्थिति में सकारात्मक बदलाव हुआ है. हौले-हौले ही सही लेकिन भारतीय खिलाड़ियों ने अब खेल के मैदान में अपनी मजबूती का अहसास कराया है. आजादी के बाद से खेलों/खिलाड़ियों ने देश को गौरव के ऐसे क्षण उपलब्ध कराए हैं जिस पर हर कोई गर्व कर सकता है.