Blogs | रवीश कुमार |मंगलवार अक्टूबर 22, 2019 02:11 AM IST आप जो अख़बार ख़रीदते हैं, या जो चैनल देखते हैं, क्या वह आज़ाद है? उसके आज़ाद होने का क्या मतलब है? सिर्फ छपना और बोलना आज़ादी नहीं होती. प्रेस की आज़ादी का मतलब है कि संपादक और रिपोर्टर ने किसी सूचना को हासिल करने के लिए मेहनत की हो, उन्हें छापने से पहले सब चेक किया हो और फिर बेखौफ होकर छापा और टीवी पर दिखाया हो. इस आज़ादी को ख़तरा सिर्फ डर से नहीं होता है. जब सरकारें सूचना के तमाम सोर्स पर पहरा बढ़ा देती हैं तब आपके पास सूचनाएं कम पहुंचने लगती हैं. सूचनाओं का कम पहुंचना सिर्फ प्रेस की आज़ादी पर हमला नहीं है, वो आपकी आज़ादी पर हमला है. क्या आप अपनी आज़ादी गंवाने के लिए तैयार हैं?