India | Reported by: आशीष भार्गव |सोमवार नवम्बर 19, 2018 11:38 AM IST याचिका में कहा गया था कि #metoo के जितने भी मामले आए हैं, उनमें CrpC की धारा 154 के तहत संज्ञान लेकर FIR दर्ज की जाए और मामले की जांच कर दोषी को सजा दी जाए . इसके साथ ही कहा गया था कि ऐसे मामलों में आरोपी के खिलाफ रेप या छेडछाड़ जैसी धाराएं लगाई जाएं. सुप्रीम कोर्ट से मांग की गई थी कि केंद्र सरकार को निर्देश दिए जाएं कि यौन उत्पीडन के मामलों के ट्रायल के लिए स्पेशल फास्ट ट्रैक कोर्ट बनें. इसके साथ ही राष्ट्रीय महिला अधिकार आयोग ऐसी पीडिताओं को वित्तीय, कानूनी सहायता और सुरक्षा के साथ-साथ उनकी पहचान को छिपाने के लिए कदम उठाने की मांग की गई थी.