'Mehul kumar'

- 15 न्यूज़ रिजल्ट्स
  • India | Reported by: ANI, Edited by: प्रमोद कुमार प्रवीण |सोमवार मई 31, 2021 09:45 AM IST
    एंटीगुअन प्रधान मंत्री ने एक भगोड़े को पकड़ने के लिए सहयोग के रूप में चोकसी को सीधे भारत निर्वासित करने पर विचार करने का आग्रह डोमिनिका से किया है. ब्राउन ने पिछले हफ्ते कहा था कि अगर चोकसी देश छोड़कर भागा है तो उसकी नागरिकता रद्द कर दी जाएगी.
  • India | Reported by: नीता शर्मा, Edited by: प्रमोद कुमार प्रवीण |शुक्रवार मई 28, 2021 11:06 AM IST
    PNB Fraud Case: एंटीगुआ के प्रधान मंत्री गैस्टन ब्राउन ने चोकसी को सीधे भारत वापस भेजने के लिए डोमिनिका से पूछा था लेकिन उसके वकीलों ने इसका विरोध किया. वकीलों ने कोर्ट में कहा कि वांछित व्यवसायी को भारत नहीं भेजा जा सकता क्योंकि वह अब वह भारत का नागरिक नहीं है.
  • India | Reported by: अरविंद गुणशेखर, Edited by: प्रमोद कुमार प्रवीण |शुक्रवार मई 28, 2021 08:57 AM IST
    मेहुल चोकसी को तब पकड़ा गया, जब वह एंटीगुआ से क्यूबा भागने की कोशिश कर रहा था, जहां वह भारत छोड़ने के बाद 2018 से रह रहा था. उसने कथित तौर पर एंटीगुआ छोड़ दिया और पड़ोसी देश के लिए एक नाव पकड़ी थी लेकिन वह डोमिनिका चला गया. उसके खिलाफ इंटरपोल का लुकआउट सर्कुलर था, जिसके आधार पर उसे पुलिस ने डोमिनिका के एक समुद्र तट से पकड़ लिया था.
  • Blogs | रवीश कुमार |सोमवार सितम्बर 24, 2018 12:45 PM IST
    ऐसा लग रहा है कि भारत से भागने के लिए एयरपोर्ट पर अलग से काउंटर बना हुआ है, जहां से बैंक लूटने वालों को भागने में मदद की जा रही है. टाइम्स आफ इंडिया के नीरज चौहान की एक ख़बर गोदी मीडिया से ग़ायब है. भागने वाले नए खिलाड़ी का नाम है कि नितिन संदेसरा. इन पर 5300 करोड़ रुपये के बैंक फ्राड का आरोप है.
  • Blogs | रवीश कुमार |शनिवार सितम्बर 15, 2018 06:51 PM IST
    जब आंखों पर धर्मांन्धता और धार्मिक गौरव की परतें चढ़ जाती हैं तब चढ़ाने वाले को पता होता है कि अब लोगों को कुछ नहीं दिखेगा. इसीलिए अमित शाह कहते हैं कि बीजेपी पचास साल राज करेगी. कहते हैं कि हम अख़लाक़ के बाद भी जीते. क्या वे किसी की हत्या के लिए किसी भीड़ का धन्यवाद ज्ञापन कर रहे हैं?
  • Blogs | रवीश कुमार |सोमवार जुलाई 30, 2018 09:51 PM IST
    प्रधानमंत्री मोदी का बयान इस बात का क्लासिक उदाहरण है कि राजनीति में अब आरोप और जवाब दोनों ही पुराने हो चुके हैं. कोई आरोप लगाइये तो याद आता है कि पहले भी किसी पर लग चुका है, कोई जवाब दीजिए तो याद आता है कि पहले भी किसी ने ऐसा जवाब दिया है.
  • Blogs | रवीश कुमार |बुधवार जुलाई 25, 2018 04:24 PM IST
    आने दीजिए रवांडा से मोदी जी को, 200 गायों की इंटरनेशनल डिलिवरी में ज़्यादा वक्त नहीं लगता है. ये काम तो अमेजन कर सकता था मगर गाय का मामला है तो मोदी जी ख़ुद लेकर गए हैं. वहां से लौटते ही वे ख़ुद ही वहां के राष्ट्रपति को फोन करेंगे और कहेंगे कि मैं अपने नागरिक को भारत नहीं ला सका, कम से कम तुम अपने नागरिक को भारत भेज दो. तब तक सुषमा जी एंटीगुआ के राजदूत को बुलाकर उन्हें इसलामाबाद भेज दें. एंटीगुआ ने मेहुल चौकसी को पासपोर्ट देकर भारत को चुनौती दी है. उसकी हिम्मत देखिए, इंटरपोल के ज़रिए भारत को नहीं बताया, बल्कि सीधे बताया है. ऐसा इंडियन एक्सप्रेस में सूत्रों के हवाले से छपा है.
  • Blogs | रवीश कुमार |बुधवार मार्च 7, 2018 09:53 PM IST
    लाखों करोड़ का लोन लेकर बैंकों को दरका देने वालों का नाम न बताने में ही सरकार ने चार साल ख़र्च कर दिए, अब ख़बरें आ रही हैं कि बैंकों ने 17,000 बकायेदारों पर मुकदमा कर दिया है. इन पर 2 लाख 65 हज़ार करोड़ का बक़ाया है.
  • Blogs | रवीश कुमार |बुधवार फ़रवरी 28, 2018 11:08 PM IST
    दक्षिण कोरिया की संसद ने एक कानून बनाया है जिसके बाद अब वहां के लोग एक सप्ताह में 68 घंटे की जगह 52 घंटे ही काम करेंगे. आप सोच रहे होंगे कि मैं दक्षिण कोरिया की बात क्यों बता रहा हूं. वो इसलिए बता रहा हूं कि भारत के सरकारी बैंकों में काम करने वाले 90 फीसदी लोग सुबह 10 बजे से लेकर रात के 9 बजे तक काम करते हैं. टारगेट और ट्रांसफर की तलवार से उनसे इतना काम कराया जाता है. इसमें आप शनिवार और रविवार के भी 20 घंटे जोड़ लेंगे तो यह दक्षिण कोरिया के पहले वाले 68 घंटे से भी 2 घंटा ज़्यादा है, यानी 70 घंटे काम करते हैं आपके सरकारी बैंकर.
  • Blogs | ख़बर न्यूज़ डेस्क |मंगलवार फ़रवरी 27, 2018 10:59 PM IST
    भले ही आप मुझे न देखें लेकिन टीवी कम देखिए. बहुत से लोग अब सोशल मीडिया पर उन चैनलों की करतूत को लेकर लतीफा बना रहे हैं. एक तो पहले श्रीदेवी की दुखद मौत हुई उसके बाद हर चैनल ने श्रीदेवी को अपने अपने हिसाब से मारा और उसे देखने वाले हर दर्शक ने लतीफा बनाकर अपने अपने हिसाब से मारा. आप समझ तो रहे ही होंगे कि टीवी के पास आपकी संवेदनशीलता ख़त्म करने की कितनी ताकत है. कोई पहला मौका तो नहीं है, इस तरह से न्यूज़ चैनल हज़ार बार कर चुके हैं और आगे भी करते रहेंगे. पर एक सवाल आप खुद से पूछिए क्या वाकई आपने तय कर लिया है कि ख़ुद और समाज को बर्बाद कर देना है. 
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