Blogs | प्रियदर्शन |शुक्रवार फ़रवरी 2, 2018 10:50 PM IST के आसिफ़ ने 'मुगले आज़म' एक ऐसे दौर में बनाई थी जब हिंदुस्तान का दिल टूटा हुआ था. देश ने आजादी की एक बड़ी क़ीमत चुकाई थी और देश की दो आंखें कहलाने वाली हिंदू-मुस्लिम आबादी एक दूसरे को शक, शिकायत, नफरत सब तरह से देख रही थी. बेशक, आज़ादी के साथ देश को नए सिरे से बनाने का एक रचनात्मक जज्बा भी था जो उस दौर में बनी कई फिल्मों में लगातार दिखता रहा.