Blogs | आशुतोष |बुधवार दिसम्बर 28, 2016 06:55 PM IST जंग साहब, मेरी शुभकामनाएं हमेशा आपके साथ रहेंगी, लेकिन पूरी विनम्रता के साथ एक सुझाव देता हूं कि तानाशाह हमेशा आम आदमी के सब्र और उसकी छठी इंद्री को कमतर आंकते हैं, सो, उन्हें हल्के में मत लीजिए. यह बात आपको रह-रहकर तकलीफ़ देगी, परेशान करेगी.