'Namvar singh'

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  • Blogs | प्रियदर्शन |बुधवार फ़रवरी 20, 2019 01:53 PM IST
    हिंदी की आलोचना परंपरा में जो चीज़ नामवर सिंह को विशिष्ट और अद्वितीय बनाती है, वह उनकी सर्वसुलभ सार्वजनिकता है. वे किन्हीं अध्ययन कक्षों में बंद और पुस्तकों में मगन अध्येता और विद्वान नहीं थे, वे सार्वजनिक विमर्श के हर औजार का जैसे इस्तेमाल करते थे. उन्होंने किताबें लिखीं, अख़बारों और पत्रिकाओं में लेख लिखे और साहित्यिक पत्रिकाओं का संपादन किया.
  • India | ख़बर न्यूज़ डेस्क |बुधवार फ़रवरी 20, 2019 02:41 PM IST
    प्रसिद्ध साहित्यकार नामवर सिंह के निधन पर राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, गृहमंत्री सहित तमाम राजनीतिक, सामाजिक और साहित्यिक हस्तियों ने श्रद्धांजलि दी है. सभी ने हिंदी साहित्य को समृद्ध करने में उनके महत्वपूर्ण योगदान को रेखांकित किया.
  • India | ख़बर न्यूज़ डेस्क |बुधवार फ़रवरी 20, 2019 05:57 AM IST
    हिंदी के विख्यात आलोचक और साहित्यकार नामवर सिंह (Namvar Singh) का निधन हो गया. उन्होंने दिल्ली के एम्स में आखिरी सांस ली. नामवर सिंह 93 वर्ष के थे. समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक नामवर सिंह ने मंगलवार की रात 11.51 बजे आखिरी सांस ली.
  • Blogs | प्रियदर्शन |गुरुवार जनवरी 17, 2019 04:15 PM IST
    नामवर सिंह अस्पताल में हैं. 92 बरस की उम्र में उन्हें सिर पर चोट लगी है. अगर प्रार्थना जैसी कोई चीज़ होती है तो हिंदी के संसार को उनके लिए प्रार्थना करनी चाहिए. हमारी पीढ़ी का दुर्भाग्य है कि हमने उन्हें उनके उत्तरार्द्ध में देखा- उस उम्र में जब उनकी तेजस्विता का सूर्य ढलान पर था.
  • Literature | Reported by: भाषा |मंगलवार मार्च 28, 2017 10:59 AM IST
    हिंदी के प्रख्यात आलोचक, लेखक और विद्वान डॉ नामवर सिंह को दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में साहित्य अकादमी की प्रतिष्ठित महत्तर सदस्यता (फैलोशिप) प्रदान की गई. इस मौके पर साहित्य आकदमी के अध्यक्ष विश्वनाथ प्रसाद तिवारी ने कहा, ‘‘नामवर सिंह की आलोचना जीवंत आलोचना है. भले ही लोग या तो उनसे सहमत हुए अथवा असहमत, लेकिन उनकी कभी उपेक्षा नहीं हुई.’’ इस मौके पर सिंह को सम्मान स्वरूप उत्कीर्ण ताम्र फलक और अंगवस्त्रम प्रदान किया गया.
  • Literature | Reported by: भाषा |रविवार फ़रवरी 26, 2017 09:43 AM IST
    हिंदी के प्रख्यात आलोचक, लेखक और विद्वान डॉ नामवर सिंह को साहित्य अकादेमी का महत्तर सदस्य (फैलोशिप) चुना गया है. अकादमी के सचिव के श्रीनिवासन राव ने बताया, ‘‘साहित्य अकादेमी की सामान्य सभा की 22 फ़रवरी को हुई बैठक में हिंदी के प्रख्यात आलोचक डॉ. नामवर सिंह को अकादेमी के महत्तर सदस्य चुना गया.’’ उन्होंने कहा, ‘‘महत्तर सदस्य के रूप में एक समय में अकादेमी की मान्यता प्राप्त 24 भारतीय भाषाओं के कुल 21 सदस्य ही हो सकते हैं. इसलिए इसे प्रतिष्ठित माना जाता है.’’
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