Blogs | रवीश कुमार |सोमवार अप्रैल 30, 2018 10:37 PM IST क्या वाकई नेताओं की ज़ुबान फ़िसल रही है या सोच समझ कर इस तरह के बयान दिए जा रहे हैं ताकि गोदी मीडिया जनता के सवालों को छोड़ इन्हीं सब पर चर्चा करता रहे. ये बयान ऐसे होते हैं जिससे आपका मनोरंजन होता है. हंसी हंसी के खेल में पता भी नहीं चलता कि आपका ख़ज़ाना लुट गया है.