India | Written by: विवेक रस्तोगी |मंगलवार नवम्बर 22, 2022 09:50 AM IST नार्को टेस्ट में नार्कोटिक्स, यानी दवाओं का इस्तेमाल किया जाता है, ताकि आम बोलचाल की भाषा में आरोपी का स्नायुतंत्र शिथिल हो जाए, और वह चाहकर भी झूठ न बोल पाए. दूसरी ओर, पोलीग्राफी टेस्ट में आरोपी को कोई दवा नहीं दी जाती है, बल्कि उसके रक्तचाप, नब्ज़ और सांस की गति आदि को सवाल-जवाब के दौरान मापकर अंदाज़ा लगाया जाता है कि वह झूठ बोल रहा है या नहीं.