Blogs | रवीश कुमार |शुक्रवार अगस्त 9, 2019 01:35 AM IST मैं यही सोचता हूं कि जब उनके पीछे इतनी संख्या है तो फिर उनकी बात क्यों नहीं सुनी जा रही है. क्यों वे इतने परेशान हैं और महीनों बाद भी उनकी समस्या जस की तस है. बहुत दिनों से सीजीएल 2017 के पीड़ित छात्र लिखते रहते हैं.