Blogs | प्रियदर्शन |शुक्रवार मार्च 9, 2018 10:01 PM IST सुप्रीम कोर्ट के पांच जजों के संविधान पीठ ने जब इच्छा मृत्यु पर कुछ शर्तों के साथ मुहर लगाई तो दरअसल वे जीवन और मृत्यु के दार्शनिक संबंध या मृत्यु की अपरिहार्यता पर ही नहीं, उस सामाजिक संकट पर भी ध्यान दे रहे थे जो हमारे समाज में वृद्धों के अकेलेपन और बीमारी से पैदा हुआ है.