'Pc mohanan'

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  • File Facts | ख़बर न्यूज़ डेस्क |गुरुवार जनवरी 31, 2019 11:23 AM IST
    राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण कार्यालय की पीएलएफएस की रिपोर्ट के मुताबिक देश में साल 2017-18 में बेरोजगारी दर पिछले 45 साल में सबसे ज्यादा थी. अंग्रेजी अखबार बिजनेस स्टैंडर्ड ने इस रिपोर्ट का खुलासा किया है. दिसंबर महीने में राष्ट्रीय सांख्यिकी आयोग द्वारा मंजूरी मिलने के बाद भी इस रिपोर्ट को जारी नहीं किया गया. इसके बाद आयोग के कार्यकारी चेयरपर्सन सहित दो सदस्यों ने इस्तीफा दे दिया. सरकार के अंतरिम बजट से कुछ दिन पहले ही यह रिपोर्ट सामने आई है, ऐसे में लोकसभा चुनाव से पहले काफी विवाद हो सकता है. विपक्षी दल रोजगार के आंकड़ों को लेकर लगातार सरकार को निशाना बना रहे हैं.
  • India | ख़बर न्यूज़ डेस्क |बुधवार जनवरी 30, 2019 01:18 PM IST
    राष्ट्रीय सांख्यिकी आयोग (National Statistical Commission) से इस्तीफा देने के बाद कार्यवाहक चेयरपर्सन पीसी मोहनन (PC Mohanan) और सदस्य जेवी मीनाक्षी (JV Meenakshi) को सांख्यिकी मंत्रालय ने बातचीत के लिए बुलाया है. दोनों ने सरकार के साथ कुछ मुद्दों पर असहमति होने के चलते आयोग से इस्तीफा दे दिया था. दो सदस्यों के छोड़ने के बाद अब आयोग में केवल दो सदस्य- मुख्य सांख्यिकीविद प्रवीण श्रीवास्तव और नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ही बचे हैं. दोनों का कार्यकाल 2020 में खत्म हो रहा था. सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के अधीन आने वाले आयोग में सात सदस्य होते हैं. वेबसाइट के मुताबिक, तीन पद पहले से ही रिक्त हैं.
  • India | ख़बर न्यूज़ डेस्क |बुधवार जनवरी 30, 2019 11:38 AM IST
    आयोग के कार्यकारी चेयरपर्सन मोहनन ने एनडीटीवी से कहा, 'हमें लगा कि आयोग का जो काम है, वह उसका निर्वहन करने में बहुत प्रभावी नहीं रहा. पिछले कुछ समय से हमें महसूस हो रहा था कि हमें किनारे कर दिया गया और हमें गंभीरता से नहीं लिया गया. यह देश के सभी आंकड़ों के लिए एक शीर्ष संस्था है. लेकिन वह अपने उद्देश्य में कामयाब नहीं हो रही थी. ऐसा हमें महसूस हो रहा था.'
  • India | ख़बर न्यूज़ डेस्क |मंगलवार जनवरी 29, 2019 10:03 PM IST
    राष्ट्रीय सांख्यिकी आयोग (National Statistical Commission) के कार्यवाहक प्रमुख पीसी मोहनन और सदस्य जे वी मीनाक्षी ने इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने आरोप लगाया है कि सरकार बेरोज़गारी के आंकड़े दबा रही है. उनका कहना है कि 5 दिसंबर 2018 को ही नेशनल सैंपल सर्वे का डेटा मंज़ूर कर सरकार को दे दिया गया था, मगर आज तक जारी नहीं हुआ.
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