India | ख़बर न्यूज़ डेस्क |मंगलवार मई 7, 2019 08:39 AM IST उसके साथ हुई ये पूरी बातचीत दरअसल एक बच्ची का नहीं, ग्रामीण भारत में अपने हिस्से की उपेक्षा, अपने हिस्से का छल झेल रहे अनुसूचित समुदाय का दर्द बयान करती है. इस बच्ची की आवाज़ में कहीं से कातरता नहीं है, वह उम्मीद से भरी है- यह बात हौसला देती है, लेकिन यह सोचे बिना रहा नहीं जाता कि यह एक लड़की की नहीं, अपनी सारी उपेक्षा से बेख़बर एक देश की आवाज है. तो देखिए ये बातचीत- सच सपना और सुनयना.