'Rakesh malviya blog'

- 120 न्यूज़ रिजल्ट्स
  • Blogs | राकेश कुमार मालवीय |सोमवार सितम्बर 25, 2017 03:49 PM IST
    नवरात्रि  में हमारा समाज कन्याओं की पूजा करता आया है. उन्हें भोजन पर आमंत्रित किया जाता है. चरण धोकर स्वागत किया जाता है.
  • Blogs | राकेश कुमार मालवीय |गुरुवार सितम्बर 14, 2017 01:58 PM IST
    खेती-किसानी करने वाला एक सामान्‍य व्यक्ति मुख्यमंत्री के हाथों मिलने जा रहा सम्मान लौटा दे तो चर्चा होना स्वाभाविक ही है. असहिष्णुता के मुद्दे पर नामचीन साहित्यकारों ने पुरस्‍कार वापस कर दि‍ए थे, इसकी खूब प्रतिक्रिया भी हुई थी. हाल-फि‍लहाल एक किसान द्वारा पुरस्‍कार लेने से मना कर देना का यह पहला मामला है. यह कि‍सान हैं बाबूलाल दाहिया.
  • Blogs | राकेश कुमार मालवीय |सोमवार सितम्बर 11, 2017 11:27 AM IST
    पिछले दिनों ख्यात व्यंग्यकार हरिशंकर परसाईं की जन्मस्थली जमानी गांव में आयोजित संगोष्ठी में किसी ने कहा था कि परसाईं इस वक्त ऐसा लिख रहे होते, तो जेल में होते, संभवत: दुष्यंत को भी रोज़-ब-रोज़ ट्रोल कर दिया जाता.
  • Blogs | राकेश कुमार मालवीय |गुरुवार सितम्बर 7, 2017 03:50 PM IST
    पत्रकार गौरी लंकेश मानवता के लिए कोई खतरा पैदा नहीं कर रही थी. उससे पहले कलबुर्गी, दाभोलकर, पनसारे और ऐसे कई और नाम भी मानवता के लिए कोई खतरा पैदा नहीं कर रहे थे. हो सकता है, कि उनकी लिखी, खोली गई बातें किसी भी पक्ष को चुभने वाली हों, लेकिन यही तो उनकी जिम्मेदारी भी थी.
  • Blogs | राकेश कुमार मालवीय |मंगलवार सितम्बर 5, 2017 08:29 AM IST
    शिक्षक दिवस के मौके पर आप 85 पेज की एक छोटी सी किताब को पढ़कर इतना सब कुछ हासिल कर सकते हैं जो न केवल आपकी कक्षाओं में अपितु जीवन में बड़े रूप में काम आ सकता है
  • Blogs | Written by: राकेश कुमार मालवीय |रविवार अगस्त 13, 2017 09:57 PM IST
    इंदौर में सबसे अच्छी स्वास्थ्य सेवाएं मिलने का दावा किया जाता है. एमवाय अस्पताल में दो महीने पहले 17 लोगों की कुछ घंटों में ही मौत हो गई थी.
  • Blogs | राकेश कुमार मालवीय |गुरुवार अगस्त 10, 2017 02:04 PM IST
    आपको दीवार फिल्म याद है! दीवार फिल्म का अमिताभ बच्चन यानी ‘विजय’ याद है. आपको विजय के हाथ पर लिखा ‘मेरा बाप चोर है’ याद है? होगा ही… आखिर इसी फिल्म के बलबूते तो सदी के महानायक अमिताभ बच्चन का करियर परवान चढ़ा. अलबत्ता हाथ पर लिखी यह इबारत रील पर सबसे बड़ा ड्रामा साबित हुई.
  • Blogs | राकेश कुमार मालवीय |शनिवार अगस्त 5, 2017 07:58 AM IST
    पूरे नौ माह तक अपनी कोख में एक जीवन पाल रही स्त्री के सामने ठीक अंतिम क्षण इतने भारी पड़ने वाले होंगे किसने सोचा होगा. एक शिशु का जन्म लेते ही धरती पर यूं गिर जाना, और जन्म लेते ही मौत को पा जाना, यह दुखों का कितना बड़ा पहाड़ होगा, क्या हम और आप सोच सकते हैं, इस दर्द को महसूस कर सकते हैं, क्या इस दर्द को दूर कर सकते हैं?
  • Blogs | राकेश कुमार मालवीय |मंगलवार अगस्त 1, 2017 05:23 PM IST
    देश में यूपीए सरकार अपनी जिन उपलब्धियों को बताती रही है उनमें शिक्षा का अधिकार भी शामिल था. एक अप्रैल 2010 से इसे देशभर में लागू किया गया था और तीन साल की समय सीमा में इसके प्रावधानों को जमीनी स्तर पर लागू किया जाना था. बहरहाल यूपीए सरकार इसे समय सीमा में नहीं कर पाई और इस अवधि को दो साल और बढ़ा दिया गया.
  • Blogs | राकेश कुमार मालवीय |मंगलवार मई 23, 2017 11:40 AM IST
    सोचना होगा कि इस देश में शांति की स्थापना के लिए युद्ध की वकालत करने वाले लोगों को क्या वास्तव में हिंसा में ही इसका रास्ता दिखता है...? यदि हिंसा में हल को खोजा जाएगा तो यह हल केवल देश की सीमाओं तक नहीं रह पाएगा, यह मानसिकता कब आपकी अपनी चौखट तक चली आएगी, इसका पता भी नहीं चलेगा...
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