'Ram janmbhoomi dispute'

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  • India | Reported by: आशीष भार्गव, Edited by: आरिफ खान मंसूरी |बुधवार अक्टूबर 16, 2019 09:58 AM IST
    साथ ही वकील ने कहा, 'अगर ये मान भी लिया जाए कि वहां कोई मंदिर नहीं, कोई देवता नहीं, फिर भी लोगों का विश्वास ही बहुत है कि राम जन्मभूमि पर ही भगवान राम का जन्म हुआ था. वहां पर मूर्ति रखना उस स्थान को पवित्रता प्रदान करता है. अयोध्या के भगवान रामलला नाबालिग हैं. नाबालिग की संपत्ति को न तो बेचा जा सकता है और न ही छीना जा सकता है. जब संपत्ति भगवान में निहित होती है तो कोई भी उस संपत्ति को ले नहीं सकता. उस संपत्ति से ईश्वर का हक नहीं छीना जा सकता. ऐसी संपत्ति पर एडवर्स पजेशन का कानून लागू नहीं होगा.'
  • India | Reported by: आशीष भार्गव |शुक्रवार जनवरी 4, 2019 06:14 PM IST
    अयोध्या में राम मंदिर विवाद पर सुुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के लिए एक नई बेंच के गठित करने की बात कही है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अयोध्या मामले पर अब 10 जनवरी को सुनवाई होगी. हालांकि, कोर्ट ने स्पष्ट किया कि उससे पहले तीन जजों की बेंच नई बेंच बनाई जाएगी, जो इस मामले पर सुनवाई करेगी और यही बेंच तय करेगी कि सुनवाई कब हो.
  • India | ख़बर न्यूज़ डेस्क |शुक्रवार जनवरी 4, 2019 07:35 AM IST
    इस मामले में पिछले साल नवंबर में सुप्रीम कोर्ट ने राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद मामले में याचिकाओं पर शीघ्र सुनवाई से इनकार कर दिया था. उस दौरान चीफ जस्टिस रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति संजय किशन कौल की पीठ ने कहा था कि उसने पहले ही अपीलों को जनवरी में उचित पीठ के पास सूचीबद्ध कर दिया है.
  • India | Reported by: आशीष भार्गव |सोमवार जुलाई 23, 2018 02:50 PM IST
    अयोध्या में राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद पर सुनवाई के बीच सुप्रीम कोर्ट में अब तीसरे पक्ष ने याचिका दायर की है. बौद्ध समुदाय के कुछ लोगों ने दावा किया है कि यह विवादित जमीन बौद्धों की है और यह पहले एक बौद्ध स्थल था. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया है और कहा है कि मुख्य मुद्दे की सुनवाई वाली बेंच ही मामले की सुनवाई कर सकती है. अयोध्या में रहने वाले विनीत कुमार मौर्य ने सुप्रीम कोर्ट में इस बारे में याचिका दायर की है. उन्होंने विवादित स्थल पर भारतीय पुरातात्विक सर्वेक्षण विभाग (ASI) द्वारा चार बार की जाने वाली खुदाई के आधार पर यह दावा किया है. इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच के आदेश पर ऐसी अंतिम खुदाई साल 2002-03 में हुई थी.
  • Blogs | रवीश कुमार |मंगलवार मार्च 21, 2017 09:47 PM IST
    राम मंदिर-बाबरी मस्जिद का मुद्दा एक बार फिर से पब्लिक में आ गया है. उन्हीं लोगों के बीच आ गया है जो 67 साल में बातचीत कर, आपस में लड़भिड़कर भी नतीजा नहीं निकाल सके. धीरे-धीरे यह मुद्दा राजनीति से निकलकर अदालत की देहरी में समा गया और आम तौर पर व्यापक शांति कायम हो गई. मीडिया ने यूपी के हर चुनाव में बीजेपी से पूछकर इसे पब्लिक में लाने के तमाम प्रयास किए कि मंदिर कब बनेगा मगर बीजेपी भी अदालत के फैसले की बात कर अपनी दूसरी रणनीतियों को अंजाम देने में जुट गई. बार-बार तमाम पक्षों ने दोहराया कि अदालत का फैसला अंतिम रूप से माना जाएगा.
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