'Ramon magsaysay award'

- 23 न्यूज़ रिजल्ट्स
  • Blogs | रवीश कुमार |सोमवार सितम्बर 16, 2019 05:54 PM IST
    मुझे 25 साल के इस पेशे में यह बात आपके बीच रहकर समझ आई है कि दर्शक या पाठक होना पत्रकार के होने से भी बड़ी ज़िम्मेदारी का काम है. जीवन भर लोगों को सुबह उठकर आदतन आधे अधूरे मन से अख़बार पलटते देखा करता था. कइयों को अख़बार लपेट कर शौच के लिए जाते देखा करता था. कुछ लोगों के लिए अखबार यहां से वहां उठाकर रख देने के बीच कुछ पलट कर देख लेने का माध्यम हो सकता है, रिमोट से एक न्यूज़ चैनल से दूसरे न्यूज़ चैनल बदल कर अपनी बोरियत दूर करने का ज़रिया हो सकता है मगर निश्चित रूप से यह दर्शक या पाठक होना नहीं है.
  • India | Edited by: नितेश श्रीवास्तव |शुक्रवार सितम्बर 13, 2019 12:17 AM IST
    रैमन मैगसेसे पुरस्कार से सम्मानित होने के बाद रवीश कुमार ने एनडीटीवी के दर्शकों का धन्यवाद अदा किया.
  • India | Written by: मानस मिश्रा |सोमवार सितम्बर 9, 2019 03:53 PM IST
    हिंदी पत्रकारिता के लिए गौरव का दिन है. आज फिलीपीन्स की राजधानी मनीला में एनडीटीवी इंडिया के रवीश कुमार को रेमॉन मैगसेसे सम्मान प्रदान किया गया है. उनको सम्मान देने वालों ने माना है कि रवीश कुमार उन लोगों की आवाज़ बनते हैं जिनकी आवाज़ कोई और नहीं सुनता. पिछले दो दशकों में एनडीटीवी में अलग-अलग भूमिकाओं में और अलग-अलग कार्यक्रमों के ज़रिए रवीश कुमार ने पत्रकारिता के नए मानक बनाए हैं. एक दौर में रवीश की रिपोर्ट देश की सबसे मार्मिक टीवी पत्रकारिता का हिस्सा बनता रहा. बाद में प्राइम टाइम की उनकी बहसें अपने जन सरोकारों के लिए जानी गईं. और जब सत्ता ने उनके कार्यक्रम का बहिष्कार कर दिया तो रवीश ने जैसे प्राइम टाइम को ही नहीं, टीवी पत्रकारिता को ही नई परिभाषा दे डाली. सरकारी नौकरियों और इम्तिहानों के बहुत मामूली समझे जाने वाले मुद्दों को, शिक्षा और विश्वविद्यालयों के उपेक्षित परिसरों को उन्होंने प्राइम टाइम में लिया और लाखों-लाख छात्रों और नौजवानों की नई उम्मीद बन बैठे. जिस दौर में पूरी की पूरी टीवी पत्रकारिता तमाशे में बदल गई है- राष्ट्रवादी उन्माद के सामूहिक कोरस का नाम हो गई है, उस दौर में रवीश की शांत-संयत आवाज़ हिंदी पत्रकारिता को उनकी गरिमा लौटाती रही है. मनीला में रेमॉन मैगसेसे सम्मान से पहले अपने व्याख्यान में उन्होंने कहा कि अब लोकतंत्र को नागरिक पत्रकार की बचाएंगे और वे ख़ुद ऐसे ही नागरिक पत्रकार की भूमिका में हैं.
  • India | Edited by: मानस मिश्रा |सोमवार सितम्बर 9, 2019 03:36 PM IST
    आज हिंदी पत्रकारिता के लिए गर्व का दिन है. फिलीपींस की राजधानी मनीला में एनडीटीवी के मनैजिंग एडिटर रवीश कुमार को रैमॉन मैगसेसे पुरस्कार से सम्मानित किया गया है. इस मौके पर आयोजनकर्ताओं की ओर से रवीश कुमार के जीवन और पत्रकारिता करियर के बारे में बताया गया. पुरस्कार लेने के बाद रवीश कुमार वहां आए लोगों को संबोधित करते हुए कहा "हर जंग जीतने के लिए नहीं लड़ी जाती... कुछ जंग सिर्फ इसलिए लड़ी जाती हैं, ताकि दुनिया को बताया जा सके, कोई है, जो लड़ रहा है..." 
  • India | Edited by: मानस मिश्रा |सोमवार सितम्बर 9, 2019 01:24 PM IST
    आज दोपहर 2 बजे NDTV के मैनेजिंग एडिटर रवीश कुमार को मनीला में रैमॉन मैगसेसे पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा. रवीश कुमार को यह सम्मान हिन्दी टीवी पत्रकारिता में उनके योगदान के लिए मिला है.
  • India | Edited by: अल्केश कुशवाहा |शुक्रवार सितम्बर 6, 2019 09:33 AM IST
    मंच से स्पीच देने के बाद सवाल-जवाब सेशन में रवीश कुमार से ऑडियंस में से अनिकेत ने पूछा, ''अगर आप और फिल्मकार अनुराग कश्यप जैसी हस्तियां, जो सवाल पूछती हैं, सोशल मीडिया का इस्तेमाल बंद कर देंगी, तो सवाल कौन पूछेगा?'' इस पर रवीश कुमार ने कहा, ''सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म सरकार को जवाबदेह नहीं बना रहे हैं, बल्कि सरकार को गैर-जवाबदेह बने रहने में मदद कर रहे हैं. ट्विटर और फेसबुक 'पार्टिसिपेटरी डेमोक्रेसी' का भ्रम पैदा करते हैं, लेकिन वास्तव में ये डेमोक्रेसी को मार रहे हैं.''
  • India | Edited by: मानस मिश्रा |शुक्रवार सितम्बर 6, 2019 09:13 AM IST
    रैमॉन मैगसेसे पुरस्कार ग्रहण करने के लिए मनीला पहुंचे NDTV के रवीश कुमार से जब एक सवाल पूछा गया कि उनको पीएम मोदी ने अभी तक बधाई नहीं दी है तो इस पर उन्होंने कहा, कोई बात नहीं पीएम मोदी ने बधाई नहीं दी. उनका बधाई नहीं देना भी बधाई है.' आपको बता दें कि रवीश कुमार को 9 सितंबर को रैमॉन मैगसेसे पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा. इस सम्मान को पाने वाले रवीश कुमार हिंदी मीडिया के पहले पत्रकार हैं.
  • India | Written by: अल्केश कुशवाहा |शुक्रवार सितम्बर 6, 2019 09:52 AM IST
    उन्होंने कहा, ''मैं रोजाना 2000 से 5000 शब्द लिखता हूं क्योंकि यह आपके माइंडसेट को क्लियर रखता है. मुझे ऐसा दिवंगत पत्रकार प्रभास जोशी ने कहा था. उन्होंने ही मुझे सुझाव दिया था कि रोजाना 2000 शब्द लिखने चाहिए. मुझे लगा कि वह मजाकिया लहजे में कह रहे हैं और मैंने पलटकर उनसे पूछा कि क्या आप ऐसा करते हैं तो उनका जवाब हां में था. उसके बाद से मैं आज भी रोजाना 2000 शब्द से ज्यादा लिखता हूं. कई बार 5000 से ज्यादा बार कई मुद्दों पर लिखता रहता हूं.''
  • India | Reported by: NDTV इंडिया, Edited by: अल्केश कुशवाहा |शुक्रवार सितम्बर 6, 2019 01:02 PM IST
    दुनियाभर में सूरज की आग में तपते लोकतंत्र को चांद की ठंडक तो चाहिए. यह ठंडक आएगी कहां से...? सूचनाओं की वास्तविकता से, प्रामाणिकता से, पवित्रता से, और साहस से, न कि नेताओं की ऊंची आवाज़ से. सूचना जितनी पवित्र होगी, प्रामाणिक होगी, नागरिकों के बीच भरोसा उतना ही गहरा होगा. देश सही सूचनाओं से बनता है. फ़ेक न्यूज़, प्रोपेगंडा और झूठे इतिहास से हमेशा भीड़ बनती है.
  • India | Edited by: मानस मिश्रा |शुक्रवार सितम्बर 6, 2019 09:57 AM IST
    रेमॉन मैगसेसे के मंच से स्पीच देने के बाद सवाल-जवाब सेशन में रवीश कुमार ने मौजूदा पत्रकारिता के स्वरूप पर भी चिंता जताई उन्होंने कहा कि आज न्यूज चैनलों से रिपोर्टर खत्म किए गए जा चुके हैं और अब कोई भी इन्विस्टिगेट करके खबर निकालने वाला नहीं है. रवीश कुमार ने कहा कि अब न्यूज चैनलों के पास जिम जाने वाले और चॉकलेटी चेहरे वाले एंकर बचे हैं जो कार्यक्रम के दौरान अपनी 'मसल पावर' दिखाते हैं.
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