India | ख़बर न्यूज़ डेस्क |शुक्रवार जुलाई 27, 2018 02:59 AM IST सीजेआई ने कहा कि आपकी (वकील) दलीलें प्रभावशाली हैं, मैं यह स्वीकार करता हूं. पीठ ने कहा लेकिन अदालत इस मामले के इस तथ्य पर अनजान बनकर नहीं रह सकते कि महिलाओं के एक वर्ग को शारीरिक कारणों (मासिक धर्म) से अनुमति नहीं दी जा रही. पाबंदी को चुनौती देने वाली इंडियन यंग लॉयर्स एसोसिएशन और अन्य की याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए पीठ ने पूछा कि क्या एक आयुवर्ग की महिलाओं के प्रवेश पर सबरीमला मंदिर में पाबंदी धार्मिक संप्रदाय की जरूरी और अभिन्न परंपरा है.