आपके दिमाग के इशारे पर चलती है यह अनोखी व्हीलचेयर
Mar 22, 2016
बनारस के मोदी!
May 06, 2014
वाराणसी के चुनावी रंग
May 05, 2014
मायावती के संघर्ष को अन्य नेताओं के समकक्ष न रखे मीडिया
Chunaavi Blogs | बुधवार फ़रवरी 15, 2017 09:06 PM IST
इन दिनों मायावती की चर्चा इस बात पर काफी हो रही है कि मीडिया में उनकी चर्चा नहीं हो रही. खुद मायावती भी इसे अब अपनी रैलियों में कहने लगी हैं. रैलियों में जाकर महसूस किया कि मायावती जिस समाज से आती हैं, उस समाज के लोग उन्हें बहुत आशा भरी निगाहों से देखते हैं, उन्हें किसी हीरो की तरह मानते हैं. मायावती एक बार पूरे 5 वर्षों के लिए सरकार चला चुकी हैं तो अब उनका मूल्यांकन दो तरह से किया जाएगा कि उन्होंने अपने समाज के लिए क्या किया और एक मुख्यमंत्री के तौर पर कैसी रहीं.
साक्षरता को लेकर जनप्रतिनिधियों को छूट क्यों?
Blogs | बुधवार फ़रवरी 15, 2017 01:27 PM IST
पिछले कुछ वक्त से नजर आ रहा है कि राजनीति में सुधारों के पैरोकार भी उम्मीदवारों की शैक्षणिक योग्यता के मामले में बचाव की मुद्रा में आ जाते हैं. उनकी दलील होती है कि ये लोकतंत्र के खिलाफ है, संविधान के खिलाफ है. ये किसी गरीब, पिछड़े, दलित, आदिवासी के लिए नुकसानदायक होगा.
जेएनयू का फैसला क्या कानूनी तौर पर टिक पाएगा?
Blogs | बुधवार जनवरी 25, 2017 12:03 AM IST
जेएनयू प्रशासन और यूजीसी को यह साबित करना होगा कि एम फिल और पीएचडी में दाखिले के लिए व्यक्तित्व को आंकने की आखिर क्या जरूरत है. इंटरव्यू के आधार पर एक कोर्स में दाखिले के लिए इतने अंक तय करना बेशक सवाल खड़े करता है.
'दंगल' का बापू हानिकारक नहीं, क्रांतिकारक है !
Blogs | सोमवार दिसम्बर 26, 2016 06:03 PM IST
कामयाबी के बाद मां-बाप को गले लगाते तो देखा है लेकिन कामयाबी से पहले दुनिया के सामने हाथ पकड़ कर खड़े होने वाले पिता कम ही देखे. महावीर में वो ही पिता हम सब देख पा रहे हैं.
वो कौन है जो अचानक आकर पत्रकार और भीड़ को डरा कर चला जाता है
Blogs | शुक्रवार नवम्बर 18, 2016 07:44 AM IST
इस बीच जब ये खबर आ रही है कि यूपी सरकार ने कल रवीश कुमार की प्राइम टाइम रिपोर्ट का संज्ञान लेते हुए खोड़ा के एसबीआई बैंक में काउंटर बढ़ा दिए और मोबाइल एटीएम का इंतज़ाम किया है तब मैं पिछले दो दिन की ग्राउंड रिपोर्टिंग के अनुभव को लिखने बैठी हूं.
पब्लिक जी, आप सब नहीं जानते हैं
Blogs | बुधवार नवम्बर 16, 2016 07:04 PM IST
बुधवार को ही खबर आई कि देश के सबसे बड़े बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) ने विजय माल्या की बंद हो चुकी कंपनी किंगफिशर एयरलाइंस को दिए 1,200 करोड़ रुपये के कर्ज़ को अपनी बही के बट्टे खाते (वह कर्ज़, जिसकी वसूली संभव न हो) में दर्ज कर लिया है.
विचार से न लड़ पाओ तो उसे धारा के खिलाफ खड़ा दिखाओ!
Blogs | शुक्रवार अक्टूबर 21, 2016 08:25 PM IST
जेएनयू के छात्रों का विरोध प्रदर्शन इतना 'एलियन' क्यों नजर आता है. क्या आपने सच में देश और दुनिया के विरोध प्रदर्शन नहीं देखे हैं या जानबूझकर किसी नीति के तहत ऐसा कर रहे हैं? घेराव को 'बंधक बनाना' कहकर इतना नकारात्मक दिखाने की क्या वजह है?
तीन तलाक़, हलाला, बहुविवाह और 'साइंस'...
Blogs | शुक्रवार अक्टूबर 14, 2016 08:57 PM IST
'तीन तलाक़' अगर बंद हो जाएगा तो इससे किसी को भी क्यों परेशानी है? क्या इससे आपके तलाक़ लेने की सहूलियत में बाधा आ रही है? हालांकि कोर्ट में जाकर तलाक़ लेना कोई क़िला फतह करने से कम नहीं, लेकिन हो सकता है शायद इस वजह से भी लोग पूरी कोशिश करने के बाद तलाक़ को आखिरी विकल्प मानें.
कभी आप भी सोचकर देखिए, महिलाएं 'राइट' हैं या 'लेफ्ट'...?
Blogs | सोमवार जून 27, 2016 03:27 PM IST
मेरी समझ बनी है कि महिलाओं को कोई एक विचारधारा, खासकर दक्षिणपंथ उतना आकर्षित नहीं करता। इस विचार को अलग-अलग पार्टियों में शामिल महिलाओं से जोड़कर न देखें। यह राजनीति के क़ाबिल न समझी जाने वाली महिला वोटरों के बारे में है, जो चुपके से बदलाव का हिस्सा बन रही हैं।
आरक्षण की व्यवस्था को लेकर कैसा भ्रम!
Blogs | शुक्रवार मई 20, 2016 05:46 PM IST
आप आरक्षण के पक्ष में हो सकते हैं या खिलाफ हो सकते हैं, इसमें कोई समस्या नहीं है। समस्या तब होती है जब आप अपनी बात को गलत तथ्यों के साथ रखते हैं। 'आरक्षण वाला डॉक्टर' एक दुष्प्रचार है। आरक्षण वाला डॉक्टर कोई नहीं होता।
आप राष्ट्रवादी हैं या देशप्रेमी? अंतर समझने की करें कोशिश
Blogs | मंगलवार फ़रवरी 16, 2016 09:07 PM IST
जेएनयू में जो भी घटनाक्रम चल रहा है, धीरे-धीरे उसकी असलियत सामने आ जाएगी लेकिन उस घटना के बाद आम लोग इस तरह भड़के हुए हैं कि खुले आम गोली मार देने की बात करने लगे हैं। राष्ट्रवाद और देशप्रेम के अंतर को समझने की कोशिश कीजियेगा।
Blogs | गुरुवार फ़रवरी 11, 2016 06:13 PM IST
स्कूल के वक़्त मेरे पिता आदर्श लड़की की परिभाषा बताते थे। लड़की जो आंखें झुका कर रहे, सलवार-कमीज़ पहने, फालतू बात ना करे। मैंने आंठवी, नौवीं में ही सूट पहनना शुरू कर दिया था। स्कूल में कभी किसी लड़के से बात करने की हिम्मत तक ना हुई। किसी ने कभी कोशिश भी की तो रोने लगती थी।
स्मृति ईरानी की प्रेस-कांफ्रेंस : मीडिया को डपटने से सवाल खत्म नहीं होंगे
Blogs | गुरुवार जनवरी 21, 2016 12:43 PM IST
स्मृति ईरानी के बारे में एक बात निर्विवाद कही जा सकती है कि वह जब बोलती हैं और जब कुछ बातें नहीं बोलती हैं, दोनों ही स्थितियों में आत्मविश्वास से लबालब होती हैं। अब यह कहना मुश्किल है कि यह उनके आत्मविश्वास का कमाल है या हमारी पत्रकारिता का कि पत्रकारों के सवाल अधूरे सुनाई पड़ते हैं।
आप देखना क्या चाहते हैं, मालदा का कवरेज यहां देखें
Blogs | बुधवार जनवरी 6, 2016 09:06 PM IST
मालदा घटना की कवरेज पर जो लोग सवाल पूछ रहे हैं, वह इसलिए नहीं कि आप एक सजग नागरिक हैं और पत्रकारिता के गिरते स्तर को सुधारना चाहते हैं। बिलकुल भी नहीं। दरअसल आप एक सांप्रदायिक इंसान हैं जो इस घटना की कवरेज को अपने मन-मुताबिक किलो-किलो तौलना चाहते हैं।
सर्वप्रिया सांगवान : हम सब आहत हैं
Blogs | गुरुवार सितम्बर 10, 2015 09:19 PM IST
हर चोट का इलाज दुनिया में है लेकिन ये बार-बार छोटी छोटी बात पर आहत होने वाली भावनाओं वाली बीमारी लाइलाज है। देश अपने कमाने-खाने में व्यस्त है और राजनीति भावनाओं को बचाने में। उसके अलावा मुद्दा है ही क्या।
सर्वप्रिया सांगवान : यूपी में है इंडिया का पहला ग्रीन ढाबा
Blogs | शुक्रवार जून 5, 2015 05:46 PM IST
ये एक संजोग ही है कि विश्व पर्यावरण दिवस के दिन हमें लखनऊ से दिल्ली के रास्ते पर गजरौला में ये ग्रीन ढाबा दिख गया। नेशनल हाईवे 24 पर मेकडोनाल्डस और केएफसी के साथ स्थित 'भजन' ढाबे को हिंदुस्तान का पहला ग्रीन ढाबा कहना गलत नहीं होगा, क्योंकि अभी तक यूपी या देश के किसी और हिस्से में हमें ऐसा ढाबा नहीं मिला है।
'बींग ह्यूमन' आपने क्या किया सलमान
Blogs | बुधवार मई 6, 2015 06:28 PM IST
कलीम कहता है कि सलमान खान को जेल हो या फांसी हो, इससे मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता है। मुझे मुआवज़ा चाहिए बस। कलीम उन पीड़ितों में से एक है जिसे 2002 में सलमान खान ने अपनी गाड़ी से कुचल दिया था जब वो रात को फुटपाथ पर सो रहे थे।
सर्वप्रिया की कलम से : वो बूढ़ा प्रधानमंत्री...
Blogs | बुधवार अप्रैल 1, 2015 04:59 PM IST
ज़रा पर्दा हटाना तो, देखना चाहता हूँ.… हम्म… काफी लोग हैं। इन सबको मैं जानता हूँ। बस, कई सालों से देखा नहीं था यहाँ। यहाँ आना भी क्यों चाहिए था इन्हें। ये कोई शिकायत नहीं है। सबकी अपनी दुनिया है। एक बड़ी और एक छोटी सी। बड़ी सबके साथ सबके सामने।
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