Blogs | रवीश कुमार |मंगलवार जुलाई 17, 2018 12:51 PM IST हर दिन मेरे व्हॉट्सऐप के इनबॉक्स में त्रिभुवन का मैसेज आ जाता है. एक लाश और उसके आस-पास रोती-बिलखती औरतों की तस्वीर होती है. उत्तर प्रदेश में ऐसी लाश को शिक्षामित्र कहते हैं, जिनके बीच ज़िन्दा लोगों की संख्या अब भी पौने दो लाख है. मरने वालों के कारण अलग-अलग हैं, मगर सदमा, दिल का दौरा और अवसाद के अलावा आत्महत्या भी बड़ा कारण है.