Blogs | निधि कुलपति |मंगलवार मार्च 28, 2017 11:34 PM IST 'नवरात्र शुरु हो गए हैं देखना मीट की दुकानों में भीड़ कम हो जाएगी' समाजवादी पार्टी के नेता का आशय यह था कि हिंदू मीट ज्यादा खाते हैं और अगर योगी आदित्यनाथ सरकार के निशाने पर सिर्फ मुस्लिम समाज है तो बूचड़खाने बंद करने का दांव सही नही होगा. एक बड़े नेता ने कहा यूपी के 'तमाम बूचड़खानों को बंद करना चाहिए, किसी जानवर को मारा नहीं जाना चाहिए, इस्लाम में मीट खाना अनिवार्य नहीं है.' यह तंज था योगी सरकार पर लेकिन शायद जब ये पिछली सरकार में मंत्री थे, इन्हीं के पास वह महकमा था जो बूचड़खानों के लाइसेंस रिन्यू करता था. कितनों के लाइसेंस बरसों से रिन्यू नहीं हुए थे. अब बताया जा रहा है कि ऊपरी कमाई का यह बड़ा जरिया था. बहरहाल कल ही इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से जवाब मांगा है कि जो लाइसेंस पेंडिंग हैं, उनको रिन्यू करने के लिए कदम उठाए गए हैं या नहीं?