Bihar | ख़बर न्यूज़ डेस्क |रविवार दिसम्बर 16, 2018 09:55 AM IST एक घोड़ा व्यापारी कहते हैं कि ऐसी स्थिति वन्यजीव संरक्षण अधिनियम और पशु क्रूरता अधिनियम के कारण हुई है. वे कहते हैं कि पहले इस मेले में घोड़ों और हाथियों के दौड़ का आयोजन किया जाता था, लेकिन अब इस मेले में हाथी तो शायद ही आते हैं.