India | रविवार अगस्त 2, 2015 12:04 AM IST एक सदी पहले जब मुंशी प्रेमचंद का नन्हा किरदार हामिद ‘ईदगाह’ जा रहा था, तो उसके जीवन की सबसे बड़ी विडंबना गरीबी और यतीम होना थी, लेकिन उसके बालसुलभ हौसले के दीये को मुंशी जी ने गुरबत की आंधी में बुझने नहीं दिया।