Blogs | प्रियदर्शन |सोमवार मार्च 5, 2018 02:27 PM IST 'इंगलिश-विंगलिश' और 'मॉम' में वह बिल्कुल केंद्रीय भूमिकाओं में थीं और लोग उम्मीद कर रहे थे कि वह कुछ और कामयाब फिल्मे देंगी.लेकिन मीडिया ने उनकी मौत का जिस तरह तमाशा बनाया, उसके दो बुरे नतीजे हुए. एक तो यह कि एक पारिवारिक हादसा - जो बहुत दिल तोड़ने वाला था - एक सनसनीखेज क्राइम केस में बदलता नज़र आया. दूसरा यह कि श्रीदेवी के अभिनय या योगदान का जो उचित मूल्यांकन होना चाहिए था, वह संभव नहीं हुआ. इसकी जगह अचानक बहुत फिल्मी किस्म का छाती-पीटू दृश्य नज़र आया, जिसमें श्रीदेवी 'भूतो न भविष्यतो' जैसी दिखाई पड़ने लगीं. मगर सच क्या है.