India | Reported by: आशीष भार्गव, Edited by: पवन पांडे |शुक्रवार अगस्त 14, 2020 10:34 PM IST जस्टिस अरुण मिश्रा, जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस कृष्ण मुरारी की 3-जजों वाली बेंच ने फैसला सुनाते हुए कहा कि मॉनिटरिंग कमेटी कभी भी आवासीय परिसरों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए अधिकृत नहीं की गई थी जो कॉमर्शियल उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल नहीं किए जा रहे थे. अदालत ने स्पष्ट रूप से यह माना कि निजी भूमि पर आवासीय परिसर को सील करने के लिए कमेटी को अधिकार नहीं दिया गया था, खासकर जब उनका उपयोग कॉमर्शियल उद्देश्यों के लिए नहीं किया जा रहा था.